सर्दी में हड्डियों के दर्द से परेशान हैं तो परिजात के पत्तों का सेवन करें

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औषधीय गुणों से भरपूर परिजात का पौधा कई बीमारियों का कारगर उपचार कर सकता है। परिजात जिसे हरसिंगार के नाम से भी जाना जाता है। बेहद खुशबूदार, छोटी पंखुड़ियों वाले और सफेद रंग के हरसिंगार के फूल रात में ही खिलते है, इसलिए इन्हें नाइट ब्लूमिंग जैस्मीन या फिर रात की रानी भी कहा जाता है। इस पौधे के पत्ते से लेकर फूल और छाल तक में औषधीय गुण मौजूद होते हैं। ऑर्थराइटिस के मरीजों के लिए यह बेहद कारगर है।


इसके पत्तों का सेवन सर्दी-जुकाम का इलाज करने के साथ ही पेट के कीड़ों को मारने में भी किया जा सकता है। एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर परिजात कई बीमारियों से लड़ने में मददगार होता हैं। आइए जानते हैं कि पारिजात से कौन-कौन सी बीमारियों का उपचार किया जा सकता है।


ऑर्थराइटिस के दर्द से निजात मिलेगी:
पारिजात के पत्ते, छाल और फूल तीनों को 5 ग्राम तक लें और इसमें 200 ग्राम पानी मिलाएं। इसे गैस पर तब तक पकाएं जब तक कि पानी का एक चौथाई भाग नहीं बचे। इसे गैस से उतारे और गुनगुने पानी का सेवन करें।
सर्दी-खांसी का बेहतरीन उपचार है:
पारिजात के पत्तों को पीसकर उसमें शहद मिलाकर दिन में दो बार उसका सेवन करें आपको सर्दी-खांसी से निजात मिलेगी। परिजात के पत्तों का इस्तेमाल आप उसकी चाय बनाकर भी कर सकते हैं। पारिजात के पत्ते को पानी के साथ उबालें, साथ ही कुछ तुलसी के पत्ते भी इसमें डाल दें। इसका रोजाना सेवन करें आपको सर्दी-खांसी से मुक्ति मिलेगी।


पारिजात के पत्तों से करें दर्द और सूजन का इलाज:
पारिजात के पत्ते को पानी में उबाल कर उसका काढ़ा बनाकर पीने से बॉडी के किसी भी हिस्से में दर्द या सूजन है तो उससे निजात मिलेगी।
पेट के कीड़ों को मारते हैं परिजात के पत्ते:
पेट में किसी भी तरह के कीड़े को मारने में पारिजात के पत्ते बेहद असरदार हैं। इसके पत्तों को पीसकर उससे रस निकाल लें और इसमें चीनी मिलाकर उसका सेवन कीजिए आपको पेट और आंतों में रहने वाले हानिकारक कीड़ों से निजात मिलेगी।


घाव को भरता है पारिजात का पौधा:
एंटी-इंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर पारिजात किसी भी तरह के घावों को भरने में मददगार है। पारिजात के बीज का पेस्ट बनाएं, इसे फोड़े-फुन्सी या अन्य सामान्य घाव पर लगाएं घाव जल्दी ठीक होगा।