नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में प्रदूषण (Pollution In Delhi-NCR) के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के तीन न्यायधीशों की बेंच सुनवाई करेगी. इस मामले पर सुनवाई में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एन वी रमण, जज जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जज जस्टिस सूर्यकांत शामिल होंगे. शीर्ष अदालत की इस सुनवाई में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार के वकील मौजूद रहेंगे. बात दें बीते कुछ दिनों में दिल्ली और उससे सटे NCR में वायु प्रदूषण बहुत ही खराब स्तर पर पहुंच गया है. पहले पराली और फिर दीपावली और छठ के मौके पर हुई ताबड़तोड़ आतिशबाजी और इसके साथ ही हवा की गति और दिशा ने दिल्ली को गैस चेंबर में तब्दील कर दिया है.
राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को इस मौसम का सबसे खराब AQI दर्ज किया गया. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने एक आदेश में कहा कि दिन में पहले हुई एक समीक्षा बैठक में यह देखा गया कि 18 नवंबर तक रात के दौरान कम हवाओं के कारण प्रदूषकों के छितराने के लिए मौसम संबंधी स्थितियां अत्यधिक प्रतिकूल रहेंगी.
दिल्ली में क्या है प्रदूषण का मौजूदा हाल?
दिल्ली में 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) शुक्रवार शाम चार बजे तक 471 दर्ज किया गया, जो इस मौसम में अब तक का सबसे खराब है. गुरुवार को यह 411 था. शाम चार बजे तक फरीदाबाद में एक्यूआई 460, गाजियाबाद में 486, ग्रेटर नोएडा में 478, गुरुग्राम में 448 और नोएडा में 488 दर्ज किया गया, जो गंभीर श्रेणी में था.
बता दें कि AQI शून्य से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है.
CPCB की सलाह- घर से काम करें लोग
इसके साथ ही CPCB ने सलाह दी है कि बहुत जरूरी ना हो तो लोग घरों से बाहर ना निकलें. एक बयान में केंद्रीय एजेंसी ने कहा, ‘सरकारी और निजी कार्यालयों और अन्य प्रतिष्ठानों को सलाह दी जाती है कि वे वाहन के उपयोग को कम से कम 30 प्रतिशत (घर से काम करके, कार-पूलिंग, बाहरी गतिविधियों को सीमित करके, आदि) तक कम करें.’ CPCB ने कहा, ‘संबंधित एजेंसियों को जीआरएपी (श्रेणीबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना) के अनुसार ‘आपातकालीन’ श्रेणी के तहत उपायों के कार्यान्वयन के लिए पूरी तरह से तैयार रहना चाहिए.’