दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण की वजह से हालात लगातार चिंताजनक बने हुए हैं। इसको देखते हुए दिल्ली सरकार ने अपने सरकारी दफ्तरों और स्कूलों को फिलहाल बंद किया हुआ है। कमीशन फार एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ने मंगलवार देर रात निर्देशों की लिस्ट जारी कर अगले आदेश तक के लिए पब्लिक और प्राइवेट स्कूलों, कालेजों व शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया जाए।
निर्देशों के मुताबिक दिल्ली में सभी ट्रकों के प्रवेश पर 21 नवंबर तक रोक लगा दिया है। CAQM ने 21 नवंबर तक एनसीआर में रेलवे, मेट्रो, एयरपोर्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा को छोड़ सभी निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है।
17 नवंबर की सुबह 8 बजे ही विभिन्न इलाकों में एक्यूआई का स्तर गंभीर रिकार्ड किया गया है। aqicn.org के ताजा आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली के आनंद विहार में 460, वजीरपुर 448, जहांगीरपुरी में 448, अलीपुर में 426, नरेला में 466, रोहिणी में 410, बवाना में 350, हरियाणा के फरीदाबाद में 419, चरखी दादरी 436, हिसार में 261, कुरुक्षेत्र 200 रिकार्ड किया गया है। इसी तरह से उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के वसुंधरा में 461, लोनी में 503, ग्रेटर नोयडा के नालेज पार्क-3 में 461, नालेज पार्क-5 में 653, बागपत में 355, मेरठ में 429, मुरादाबाद में 365, लखनऊ में 264 और कानपुर में 201 रिकार्ड किया गया है। बिहार के पटना में सुबह एक्यूआई का स्तर 230 रिकार्ड किया गया।
बता दें कि दिल्ली-एनसीआर के बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट अपनी चिंता जता चुका है। 13 नवंबर को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में दो दिन के लाकडाउन का विकल्प सुझाया था। इसके बाद दिल्ली में स्कूल-कालेज समेत सरकारी दफ्तरों को बंद कर दिया गया है। सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट केंद्र और दिल्ली सरकार को फटकार लगाई और पूछा था कि ये बताया जाए कि उन्होंने प्रदूषण को रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं।
सोमवार को ही कोर्ट ने दिल्ली और केंद्र को आपात बैठक बुलाने के निर्देश दिए थे। कोर्ट का कहना था कि एनसीआर के सभी राज्यों और पंजाब को साथ रखकर बैठक की जाए और इसमें लिए गए फैसले की जानकारी कोर्ट को दी जाए। बुधवार (आज) इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। इसमें दिल्ली सरकार और केंद्र कोर्ट को फैसलों की जानकारी देगा। कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान कहा था कि लाकडाउन के अलावा वाहनों को रोकने, उद्योगों को बंद करने जैसे विकल्पों को भी सुझाया था।
हालांकि मंगलवार को सीएक्यूएम के साथ हुई बैठक में दिल्ली की तरफ से कहा गया था कि लाकडाउन तब तक कामयाब नहीं है जब तक कि ये पूरे एनसीआर में एक सामान रूप से लागू नहीं होता है। दिल्ली के मंत्री गोपाल राय का कहना है कि सभी निजी आफिसों को भी वर्क फ्राम होम के निर्देश दिए जाने चाहिएं।