

वैशाली नगर से चुनाव लड़वाने के लिए तो कही संगीता शाह का नही कराया गया भाजपा प्रवेश
पैराशूट से उतरे प्रत्याशी को क्या कार्यकर्ता स्वीकार करेंगे?
दावेदारी करने वाले सहित कई भाजपाई भाजपा हाईकमान के इस निर्णय से दुखी
भिलाई। उद्योगपति श्रीमती संगीता शाह का भाजपा प्रवेश इन दिनो भाजपाईयों सहित पूरे शहर में चर्चा का विषय है। यह अटकले लगाई जा रही है कि रसूखदार समाजसेविका श्रीमती संगीता शाह को कही वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़वाने को लेकर तो भाजपा प्रवेश नही करवाया गया है। इसके कारण शहर में श्रीमती संगीता केतन शाह का नाम भाजपा के खेमे में सुर्खियों में है। भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता जो कल तक वैशालीनगर विधानसभा सीट से चुनाव लडऩे के दावेदार थे वे आज सदमे में है। यह तो निश्चित ही था कि वर्तमान भाजपा विधायक विद्यारतन भसीन को अब पुन: चुनावी मैदान में भाजपा हाईकमान लाने के पक्ष में नही है क्योंकि वे उम्रदराज बिमारी से जूझ रहे हैं। भाजपा के पक्ष में यह कहावत है कि यह पैसेवालों, बनियों की पार्टी है। स्थानीय लोगों को महत्व नही दिये जाने के कारण ही आज 15 साल तक सत्ता में रहने वाली पार्टी मात्र 14 सीटों में सीमट कर रह गई है। अब पुन: यही गलती दुहराना चाहती है तथा हाईकमान स्थानीय कार्यकर्ताओं को पर्दे में रखकर निर्णय लेना जारी रखा तो सत्ता में पुन: आना दूर की कौड़ी साबित हो सकता है।

श्रीमती संगीता केतन शाह निश्चित रूप से पहुंचवाली जानी पहचानी सभ्रांत महिला है, तथा पिछले कई वर्षों से समाज सेवा, शैक्षणिक गतिविधियों के क्षेत्र में विस्तार करने में सक्रिय रही है। स्वयं उद्योग संचालित करती है, दुर्ग-भिलाई की सामाजिक संस्थाओं से जुड़ी हुई है यदि पहले से भाजपा में जुड़ी रहती तो ऐसे योग्य महिला प्रत्याशी का कोई भी विरोध नही करता।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े एक वरिष्ठ भाजपा नेता का दुखी मन से कहना है कि वैशाली नगर से टिकिट के दावेदार तो हम भी है, प्रदेश स्तरीय भाजपा नेताओं से सतत संपर्क में रहा हूं। अब क्या कह सकते हैं। पार्टी में है तो सहन करना ही पड़ेगा। पार्टी की यही नियति है। दूसरी ओर भाजयुमों के एक कार्यकर्ता का कहना था कि पांच वर्ष सत्ता से दूर रहने के कारण हाईकमान की सोचने समझने की शक्ति नही रही है। ईश्वर इन्हें सद्बुद्धि दे।