छत्तीसगढ़ में महसूस हुए भूकंप के झटके,लोगों में डर का माहौल, 4.1 रही तीव्रता

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उत्तर छत्तीसगढ़ में शुक्रवार सुबह करीब 10:28 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.1 मापी गई है। भूकंप आते ही लोग डर के मारे घरों से बाहर निकल आए। खबर लिखे जाने तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की बात सामने नहीं आई है।

उत्तर छत्तीसगढ़ में शुक्रवार सुबह 10.28 बजे भूकंप के झटके आए। भूकंप का झटका करीब छह सेंकेंड तक महसूस किया गया। भूकंप का केंद्र अंबिकापुर से 22 किलोमीटर दूर सूरजपुर जिले के भटगांव के पास बताया गया है। भूकंप की अनुमानित तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.1 मापी गई है। पिछले दस माह में उत्तर सरगुजा में यह भूकंप का छठा झटका है।

उत्तरी छत्तीसगढ़ भूकंप के लिहाज से अति संवेदनशील बन गया है। उत्तरी छत्तीसगढ़ भूकंप के फाल्ट जोन में है। शुक्रवार 24 मार्च की सुबह 10.28 बजे भूकंप के जोरदार झटके से लोग घरों के बाहर आ गए। भूकंप के झटके करीब छह सेकेंड तक महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.1 बताई गई है। भूकंप का केंद्र अंबिकापुर से 22 किलोमीटर दूर सूरजपुर जिले के भटगांव के पास भूतल से 67 किलोमीटर अंदर था। भूकंप का झटका सरगुजा, कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर सहित जशपुर जिलों में भी महसूस किए गए। वहीं, सूरजपुर जिले के भटगांव एवं विश्रामपुर क्षेत्र में एसईसीएल की भूमिगत खदानों में भूकंप का तेज झटका महसूस किए जाने की खबर है। अब तक हुए नुकसान की जानकारी नहीं मिल पाई है।

दस माह में भूकंप का छठा झटका
उत्तर छत्तीसगढ़ फाल्ट जोन में है। पिछले 10 माह में यह उत्तर छत्तीसगढ़ में भूकंप का छठा झटका है। हालांकि, ज्यादातर झटकों का अंतराल कम होने के कारण कई बार लोगों को इसका पता नहीं चल पाया। इसके पूर्व 10 अक्टूबर 2022 को शुक्रवार सुबह पांच बजकर 28 मिनट पर 4.8 तीव्रता का भूकंप आया था। भूकपं का केंद्र बैकुंठपुर से सात किमी की दूरी पर गेज बांध के करीब था। इससे पहले चार अगस्त 2022 को 11.57 बजे 3.7 मेग्नीट्यूट तीव्रता का भूकंप आया था, जिसका केंद्र सूरजपुर से 11 किलोमीटर दूर भूतल से 10 किलोमीटर अंदर था। वहीं उससे पहले बैकुंठपुर से लगे सोनहत क्षेत्र में 29 जुलाई 2022 को 4.7 तीव्रता का भूकंप आया था। इस दौरान चरचा अंडर ग्राउंड माइंस में एयर ब्लास्ट होने से दर्जनभर मजदूर घायल हो गए थे। भूकंप का केंद्र बैकुंठपुर के पास सोनहत क्षेत्र में धरातल से 16 किलोमीटर की गहराई में था। यहां 11 जुलाई को भी 4.3 तीव्रता का भूकंप आया था। कोरिया जिले के सोनहत क्षेत्र में तीन वर्ष पूर्व भी 4.7 मेग्नीट्यूट का भूकंप आया था।

उत्तरी छत्तीसगढ़ में भूकंप के कई केंद्र
उत्तरी छत्तीसगढ़ का सरगुजा, कोरिया जिला भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील माना जाता है। 10 अक्टूबर 2000 को कोरबा-सरगुजा के बीच सुरता में 4.5 तीव्रता का भूकंप आया था। इसका व्यापक असर हुआ था। वहीं वर्ष 2001 में अंबिकापुर क्षेत्र के गोरता में 3.6 तीव्रता का भूकंप आया था।

कैसे आता है भूकंप?
भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।

भूकंप की तीव्रता
रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं। इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते। वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है।

लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं। इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं। हालांकि इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है।