रायपुर. जन्म से दृष्टिबाधित धर्मेश दास महंत के पास हौसले और प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। उन्होंने गायकी के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। कहा भी जाता है दिव्यांग व्यक्ति शरीरिक रूप से कमजोर, परन्तु मन से मजबूत होता है। यदि दिव्यांग व्यक्ति भी अपने मन में कुछ करने की ठान ले तो वह भी जीवन में उच्च लक्ष्यो को प्राप्त करके समाज के लिए प्रेरणाóोत बन जाता है। जांजगीर-चांपा जिले के ग्राम जाजंग निवासी श्री धर्मेश द्वारा मधुर आवाज में गाए गए छत्तीसगढ़ राजगीत ‘‘अरपा पैरी के धार‘‘ की सोशल मीडिया पर खूब सराहना मिल रही है। लाखों लोग इनके सुमधुर आवाज को पसंद कर रहे है। वे स्कूल तथा गांवों में आयोजित विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बड़े उत्साह से भाग लेते है। विद्यालय सक्ती में अध्ययनरत कक्षा 5वीं के छात्र धर्मेश अपना पूरा परिचय अंग्रेजी भाषा में बखूबी देते है।
जांजगीर जिले के समाज कल्याण विभाग के उप संचालक श्री टी पी भावे ने बताया कि श्री धर्मेश को विभाग की योजनाओं के तहत लाभान्वित किया जा रहा है। उन्हें सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना का लाभ दिया जा रहा है। पठन-पाठन के लिए ब्रेलकीट, सुगमता से चलने के लिए स्मार्ट केन छड़ी निःशुल्क उपलब्ध कराई गई है। इसके अलावा निःशुल्क शिक्षण और प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की गई है।
दिव्यांगता नहीं डिगा पाई बुलंद हौसले को : धर्मेश द्वारा गाए अरपा पैरी की धार गीत सोशल मीडिया में मचा रहा है धूम
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