ठेले पर बैठकर स्ट्रीट लाइट में पढ़ने वाला यह छात्र बनेगा इंजीनियर, बीटेक में मिला एडमिशन

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यूपी के प्रयागराज में अल्लापुर के रहने वाले करन सोनकर उन छात्रों के लिए मिसाल हैं, जो पढ़ाई के नाम पर सुविधाओं की कमी गिनाते हैं। चुनौतियों से हार मानकर मंजिल की राह से पीछे हट जाते हैं। करन ने अपने हौसलों के बल पर बड़ी कामयाबी हासिल की है। गरीबी उसकी सफलता में बाधा नहीं बन पाई। झोपड़ी टूटी तो करन ने सब्जी के ठेले पर बैठकर स्ट्रीट लाइट की रोशनी में पढ़ाई की। इस वर्ष 12वीं प्रथम श्रेणी में पास कर बीटेक में प्रवेश ले लिया है।

परीक्षा के दो माह पहले तोड़ दी गई झोपड़ी : करन अपने माता-पिता के साथ अलोपीबाग में झोपड़ी में रहता था। पिता रामू सोनकर ठेले पर सब्जी बेचते थे। लेकिन नशे की लत से उन्हें बीमारी ने घेर लिया। करन ने बताया कि 2019 में सड़क चौड़ीकरण के दौरान 10वीं की परीक्षा के दो माह पहले झोपड़ी तोड़ दी गई थी। बेघर होने के कारण रात में ठेले पर बैठकर स्ट्रीट लाइट के सहारे परीक्षा की तैयारी की।
मां का छूट गया काम: करन की मां रीता देवी जगत तारन स्कूल में संविदा पर सफाई का काम करती थीं। लेकिन कोरोना में उनका भी काम छूट गया। घर में करन से छोटा एक भाई और एक बहन है।

10वीं और 12वीं जीआईसी से पास किया
बेघर करन ने मुसीबतों का सामना करते हुए जीआईसी से 2019 में 10वीं और 2021 में 12वीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की है। 8वीं तक की शिक्षा अलोपीबाग के एक सरकारी स्कूल में प्राप्त की।


आईईआरटी में लिया है प्रवेश
करन की प्रतिभा तराशने में शुरुआती संस्था के शिक्षकों ने मदद की। करन आईआईटी मेंस परीक्षा में शामिल हुआ, इसके बाद आईईआरटी में बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स में प्रवेश लिया है। संस्था के निदेशक अभिषेक शुक्ल ने 65 हजार रुपये फीस भी चंदे से एकत्र करके जमा की है।