

देवघर में द्वादश ज्योतिर्लिंग में एक बाबा बैद्यनाथ स्थापित हैं। बाबा के दरबार में गांधी परिवार का सदस्य राहुल गांधी 45 साल बाद पहुंचे। इससे पहले 1979 में राहुल की दादी इंदिरा गांधी ने पूजा अर्चना किया था। मंदिर में शंखनाद और ढोल नगाड़े से राहुल का स्वागत किया गया। श्रीनाथ पंडित लंबोदर परिहस्त सुनील तनपुरिया ने संकल्प कराकर पूजा कराया।
झारखंड के देवघर में द्वादश ज्योतिर्लिंग में एक बाबा बैद्यनाथ स्थापित हैं। बाबा के दरबार में गांधी परिवार का सदस्य राहुल गांधी 45 साल बाद पहुंचे। इससे पहले 1979 में राहुल की दादी इंदिरा गांधी ने पूजा अर्चना किया था।

मंदिर में शंखनाद और ढोल नगाड़े से राहुल का स्वागत किया गया। श्रीनाथ पंडित, लंबोदर परिहस्त, सुनील तनपुरिया ने संकल्प कराकर पूजा कराया। पूरा मंदिर प्रांगण हर हर महादेव से गूंज उठा। फूलों की लड़ी से मंदिर को सजाया गया था।
कांग्रेस का झंडा बुलंद करने में शुमार आयरन लेडी इंदिरा गांधी ने 1979 में द्वादश ज्योतिर्लिंग में एक बाबा बैद्यनाथ की पूजा अर्चना किया था। दिसंबर का महीना था, जब वह देवघर आयी थीं। उस वक्त वह प्रधानमंत्री के पद पर नहीं थीं। 1979 से 2023 के बीच गांधी परिवार का कोई सदस्य बाबा की चौखट पर नहीं आ सके।

45 साल बाद गांधी परिवार पहुंचा बाबा के दरबार
45 साल बाद गांधी परिवार के इस पीढ़ी के सदस्य और कांग्रेस को जन-जन तक पहुंचाने का बीड़ा उठाए राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बहाने बाबा दरबार पहुंचे। उनके आगमन और देखने की खुशी चारों ओर दिखी। पार्टी में उत्साह भर गया है तो आमजन को भी कांग्रेस को याद करने का एक अवसर मिल गया।
इंदिरा गांधी को पूजा कराने का पूरा दारोमदार बिहार के पूर्व मंत्री संप्रति हिन्दी विद्यापीठ के व्यवस्थापक कृष्णानंद झा के जिम्मे था।
राहुल गांधी को पूजा कराने की पूरी जिम्मेदारी थी। वह पुरी व्यवस्था की मॉनीटरिंग करते रहे। वह मंदिर में उनके साथ रहे। कृष्णानंद झा कहते हैं कि दादी के बाद पोता बाबा बैद्यनाथ की पूजा अर्चना किए। संयोग है कि वह उनके साथ रहे। कहते हैं कि राजीव गांधी देवघर आए थे, लेकिन वह चुनावी सभा को कुंडा एयरपोर्ट के निकट ही बने मंच से संबोधित कर वापस लौट गए थे।
1979 में देवघर आयी थीं इंदिरा गांधी
बातचीत के सिलसिले में वह कहते हैं कि इंदिरा गांधी जब 1979 में देवघर आयी थीं तो बाबा मंदिर में एक घंटा से अधिक समय रूकी थीं। आधा घंटा से अधिक समय तक बाबा की पूजा पूरे नियम निष्ठा और इत्मीनान से किया था। मंदिर प्रांगण में काफी भीड़ थी उनको देखने के लिए। और उनका जोरदार स्वागत भी उस वक्त हुआ था। आज भी लोग उस दिन को याद करते हैं।
इधर, राहुल गांधी के पुश्तैनी पुरोहित सुनील तनपुरिया ने बताया कि 1979 में इंदिरा गांधी आईं थी। राजीव गांधी देवघर पहुंचे थे मगर मंदिर नहीं आ सके थे। इस बार राहुल गांधी आए हैं। बाबा से उनके लिए मंगल कामना किए हैं। पुरोहित तो हमेशा यही कामना करता है कि उनका यजमान खुशहाल रहे, दीघार्यु हो। मंदिर में राहुल गांधी के आगमन को लेकर पहले से सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम था।