ब्रेकिंग न्यूज़: प्रयागराज से दुर्ग आ रही यात्री बस में सुबह-सुबह लगी भीषण आग, बस जल कर ख़ाक…बस में सवार थे 80 से 90 यात्री,जानें पूरी डीटेल

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बस में सवार 80 से 90 यात्री सभी मजदूर वर्ग के

टूरिस्ट परमिट लेकर चल रही है, अवैध यात्री परिवहन कर रहे हैं मजदूरों का

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से छत्तीसगढ़ से दुर्ग आ रही यात्री बस सुबह-सुबह भीषण हादसे का शिकार हो गई , चलती यात्री बस में आग लग गई जिससे बस पूरी तरह जल कर खाक हो गई जबकि बस में सवार 80 से 90 मजदूर यात्रियों को बस से जल्दी-जल्दी उतार कर सुरक्षित किया गया, आग के लगने का कारण टायर में आग लगने का बताया जा रहा है

घटना गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के वेंकटनगर से गौरेला शहरी क्षेत्र बाधामुड़ा का हे, जहां के रहवासियों ने अपने घर पर सोते सुबह-सुबह ढाई से 3:00 बजे धमाके की आवाज सुनाई दी जिससे घर से बाहर निकाल कर देखा तो एक बस से भीषण आग की लपटे निकल रही थी,आग इतनी भहयावह थी की रहवासियों को कुछ समझ में नहीं आ रहा था,यात्री बस के आसपास थे भारी भीड़ थी और यात्रियों में अफरातफरी मची हुई थी, तब रहवासियों ने आपस में मिलकर बस को बुझाने के साथ-साथ फायर ब्रिगेड को भी सूचना दी परंतु तब तक बस पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी हालांकि इस हादसे में किसी भी यात्री को कोई चोट या हताहत नहीं हुआ है।

प्रत्यक्षदर्शियो की माने तो एक ट्रक चालक ने बस पहले बस के चक्के में आग लगना देखा उसके बाद बस से ओवरटेक कर उसने चालक को बताया कि बस में आग लग रही है, तब चालक ने यात्री बस रोका और इससे पहले कुछ समझ पाता की बस में लगी आग तेज होते गई सुबह ढाई से 3:00 बजे हुई इस घटना के दौरान बस में सभी यात्री सो रहे थे बस चालक एवं परिचालक ने सूझबूझ से पूरी यात्रियों को जल्दी से बाहर निकाला गया और एक बड़े हादसे को रोकने का प्रयास किया वहीं फायर ब्रिगेड ने मौके पर पहुंच कर जलती बस को बुझाने का प्रयास किया परंतु आग की लपट इतनी तेज थी कि बस पूरी तरह जलकर खाक हो गई, यहां यह बात उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ से उत्तर प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश से छत्तीसगढ़ चलने वाले यह यात्री बसें पर्यटक टूरिस्ट परमिट के नाम पर चलती है, जबकि इसमें पर्यटक के बजाय छत्तीसगढ़ के मजदूर सवार होते हैं, और अपनी क्षमता से दुगने यात्री इसमें सवार रहते हैं।

इस बस में भी मजदूर ही सवार थे जो प्रयागराज से दुर्ग वापस आ रहे थे, सुबह-सुबह हुई इस घटना से स्थानीय लोगों की मदद से सभी मजदूरों को सुरक्षित तो कर लिया गया परंतु अगर कोई बड़ा हादसा हो जाता तो क्या मजदूरों को उनके हताहत होने का कोई मुआवजा या राहत मिल पाता?