लोकसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ की राजनीति में भूचाल की आहट सुनाई पड़ रही है। कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस के कद्दावर नेता भाजपा का दामन थाम सकते हैं। चर्चा है कि बहुत जल्द कांग्रेस प्रदेश कार्यसमिति सदस्य पार्टी के दिग्गज नेता भाजपा में शामिल हो जाएंगे।
लोकसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ की राजनीति में भूचाल की आहट सुनाई पड़ रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस के कद्दावर नेता भाजपा का दामन थाम सकते हैं। चर्चा है कि बहुत जल्द कांग्रेस प्रदेश कार्यसमिति सदस्य,बड़े नगर निगम से महापौर अपने 7 से 8 पार्षदों के साथ और एक पूर्व महापौर सहित कई प्रदेश स्तरीय पदाधिकारी के सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।
लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी माहौल बनने लगा है। बड़े नेताओं के पाला बदलने की सिलसिला जारी है। कल कांग्रेस के दो बड़े नेताओं ने भाजपा ज्वाईन किया है। छत्तीसगढ़ की राजनीति में तूफान से पहले वाली शांति नजर आ रही है। यह शांति कभी भी एक बड़े तूफान में तब्दील हो सकती है। जब कांग्रेस के कद्दावर नेता कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा ज्वाइन करेंगे।
नाम बड़े पर दर्शन छोटे’ कहने पर नहीं लड़ना चाहते चुनाव
कांग्रेस पार्टी के सामने दुविधा की स्थिति है। इसके पास पुराने और बड़े नेता अभी भी बड़ी संख्या में हैं। हर राज्य में हैं, लेकिन विडंबना यह कि कोई नामधारी (बड़ा नेता) लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए मन से तैयार नहीं है। युवाओं की टुकड़ी पहले ही कांग्रेस छोड़कर जा चुकी है। जबकि चुनाव लड़ने के इच्छुक पार्टी के बड़े नेताओं के बारे में कांग्रेस पार्टी ने उनकी राय जाननी चाही, तो 12-15 फीसदी नेताओं को छोड़कर किसी ने भी इच्छा जाहिर नहीं की। बड़े और वरिष्ठ नेता चुनाव लड़ने के लिए या तो अनिच्छुक हैं या फिर लड़ने के लिए उनकी कोई तैयारी नहीं है।
सूत्र का कहना है कि कांग्रेस को इस बार सीटें देने वाले राज्यों में कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश शामिल होंगे। इसके अलावा उत्तर भारत के राज्यों में कांग्रेस की सीटें बढ़ने वाली हैं। इसका मुख्य कारण युवाओं में बेरोजगारी, मंहगाई का असर और जनता के भीतर मोदी सरकार के खिलाफ नाराजगी है।