छत्तीसगढ़ में लगातार नक्सली घटनाओं को लेकर प्रदेश के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने राज्य की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है।
छत्तीसगढ़ में लगातार नक्सली घटनाओं को लेकर प्रदेश के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने राज्य की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने डिप्टी सीएम विजय शर्मा पर तंज कसते हुए कहा कि नक्सली पर्चा फेंका गया है, फिर राज्य के गृहमंत्री बताएं कि नक्सलियों से बातचीत कब हो रही है? किस स्तर पर होगी? किस मंच पर होगी और किन शर्तों पर होगी? इन बातों को खुलासा गृहमंत्री को करना चाहिए। प्रदेश में लगातार नक्सली वारदातें हो रही हैं। अधिकारियों और जवानों की हत्या हो रही हैं।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी सरकार में नक्सली घटनाएं बढ़ी हैं। डिप्टी सीएम के घर कवर्धा में आपराधिक वारदातें हो रही हैं पर कोई लगाम नहीं लग पा रहा है। सुरक्षा बलों के कैंप पर नक्सली घटनाएं घट रही हैं। गौ तस्करी बढ़ गई है। बीजेपी सरकार में कानून की स्थिति लचर और बद से बद्तर हो गई है। गृहमंत्री शर्मा ने कहा था कि मैं नक्सलियों से टेलीफोन पर चर्चा करना चाहता हूं, वो बोले हैं तो उस पर आगे बढ़ना चाहिए।
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बीजेपी डरी हुई है’
बीजेपी की ओर से कांग्रेस नेताओं को लोकसभा चुनाव के लिए प्रलोभन देने के सवाल पर कहा कि मुझे भी एक विधायक ने कहा था कि उनसे टिकट को लेकर बातचीत हुई थी। चुनाव के बाद मंत्री बना देंगे। इस प्रकार की बातें लगातार चल रही हैं। इसका मतलब यह है कि लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बीजेपी डरी सहमी हुई है। वजह है कि चाहे यूपी, बिहार और महाराष्ट्र की घटनाक्रम हो। यह सारी बातें इस ओर संकेत कर रही है कि बीजेपी लोकसभा चुनाव हारने वाली है। इस वजह से बीजेपी तोड़फोड़ की राजनीति कर रही है। उसे अपने ऊपर भरोसा नहीं रह गया है।
महतारी वंदन योजना की डेट बढ़ाएं’
महतारी वंदन योजना को लेकर कहा कि भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी ने विधानसभा चुनाव 2023 के समय 60 लाख फार्म महिलाओं से भरवाये थे, उन्हें दोबारा भरवाने की जरूरत नहीं होनी चाहिए। उनके खाते में पहले ही पैसा डाल देना चाहिए। बाकी महिलाओं के खाते में बाद में पैसा डाल देना चाहिए। इस योजना के तहत आवेदन करते की अंतिम तिथि 20 फरवरी है, इसे भी बढ़ाना चाहिए। वहीं किसानों को धान का 2100 रुपए नहीं मिला है, जो नगद मिल जाएगा वह अभी तक नहीं मिला है, जो गन्ना किसान हैं उन्हें 355 रुपए मिल रहा था, उन्हें मिलेगा कि नहीं, यह भी सरकार स्पष्ट करें। जो इन्हें इनपुट सब्सिडी 10 हजार प्रति एकड़ मिलता था, वह मिलेगा कि नहीं इसे भी स्पष्ट करना चाहिए।