लोकसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को बड़ा झटका: अनदेखी का आरोप लगाकर पूर्व विधायक चुन्नीलाल साहू सहित तीन दिग्गज नेताओं ने दिया कांग्रेस से इस्तीफा,भाजपा में होंगे शामिल…,सियासी गलियारों में मचा हड़कंप …

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छत्तीसगढ़ की सत्ता से कांग्रेस की विदाई के बाद से नेताओं का पार्टी छोड़ने का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। लगातार कई बड़े नेता पार्टी छोड़ रहे हैं। वहीं, लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने का दौर तेजी हो गया है। इसी कड़ी में खबर आ रही है कि अकलतरा के पूर्व विधायक चुन्नीलाल साहू सहित दो और नेताओं ने आज पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि ये तीनों नेता कभी भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं।

राजनीतिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अकलतरा के पूर्व विधायक चुन्नीलाल साहू ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। चुन्नीलाल साहू ने पीसीसी चीफ दीपक बैज को अपना इस्तीफा सौंपा है। इसके साथ ही OBC कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष चौलेश्वर चंद्राकर और कांग्रेस सहकारिता प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अजय बंसल ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि तीनों नेता आज भाजपा में शामिल हो सकते हैं।

बहरहाल मामले में जब चुन्नीलाल से सम्पर्क किया गया उन्होने बताया कि वह उपेक्षा से बहुत दुखी है। कांग्रेस में चुनाव लड़ने से लेकर पद लेने तक सिर्फ एक ही चेहरा होता है। तो फिर पार्टी में हमारी उपयोगिता ही क्या है।

गौरतलब है कि आज ही कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। केशलकाल के करीब 10 नेताओं ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता ले ली है। इन सभी नेताओं ने केशकाल विधायक नीलकंठ टेकाम की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ली है। इन सभी का विधायक टेकाम ने भाजपा का गमछा पहनाकर पार्टी में स्वागत किया है।

जिला पंचायत अध्यक्ष अरूण सिंह चौहान के इस्तीफा देने के बाद अब इस्तीफा देने वालों की बाढ़ आ गयी है। एक सप्ताह पहले ही बिलासपुर जिला पंचायत अध्यक्ष अरूण चौहान ने पार्टी से इस्तीफा देकर अपने चार अन्य समर्थकों के साथ भाजपा में प्रवेश किया था। पार्टी प्रवेश के दौरान अरूण चौहान ने कांग्रेस में अपनी उपेक्षा को लेकर बयान दिया था। उन्होने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी से प्रभावित होकर भाजपा में प्रवेश किया है। अन्दर खाने की बातों पर विश्वास किया जाय तो अरूण चौहान कोटा विधानसभा से इच्छुक थे। बावजूद इसके उन्हें टिकट नहीं दिया गया। चुनाव के बाद उनकी लगातार उपेक्षा हो रही थी। अन्ततः उन्होने भाजपा प्रवेश कर कोटा विधानसभा आगामी चुनाव के लिए अभी से अपना टिकट बुक करवा लिया।