

छत्तीसगढ़ के मिनी भारत भिलाई में होलिका दहन धूमधाम से मनाया गया। नागरिकों ने शुभ मुहूर्त में होलिका दहन किया। मंत्रोच्चारण के बीच विधि-विधान से होलिका माता की पूजा की गई। इसके बाद बेदी पर रंग-गुलाल लगाकर होलिका के जयकारे लगाये गए।
छत्तीसगढ़ के मिनी भारत भिलाई समेत प्रदेश के सभी जिलों में होलिका दहन धूमधाम से मनाया गया। नागरिकों ने शुभ मुहूर्त में होलिका दहन किया। मंत्रोच्चारण के बीच विधि-विधान से होलिका माता की पूजा की गई। फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि पर रविवार की देर रात शहर से लेकर देहात तक होलिका की पूजा कर दहन किया गया।

इसके बाद होलिका की बेदी पर रंग-गुलाल लगाकर होलिका के जयकारे लगाये गए। रात सवा 11 बजे शुभ मुहूर्त में होलिका दहन किया गया। भिलाई स्थित खुर्सीपार, वैशाली नगर,नेहरू नगर कॉलोनी में लोगों ने धूमधाम से होलिका दहन किया।
इस दौरान कॉलोनी की महिलाओं और पुरुषों ने एक दूसरे के गले लगकर गुलाल लगाये। होली की बधाई और शुभकानाएं दी। होली त्योहार की एक दूसरे को बधाई और शुभकानाएं दी।

इस दौरान बच्चे, बड़े, बुजुर्गों सभी ने एक स्वर में कहा- हैप्पी होली। फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि पर रविवार की देर रात शहर से लेकर देहात तक होलिका की पूजा कर आग लगाई गई।
होलिका पूजा का महत्व
शास्त्रों के मुताबिक, होलिका दहन के समय अग्नि की पूजा का सबसे ज्यादा महत्व है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर वर्ष फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जाता है। होलिका दहन भद्रा काल के न रहने पर ही शुभ माना जाता है। गुरुवार की रात 10 बजकर 27 मिनट पर भद्रा काल खत्म हुई। इसके बाद लोगो ने होलिका दहन किया। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 15 मिनट से मध्य रात्रि 12 बजकर 23 मिनट तक रहा।