ब्रेकिंग न्यूज़: उज्जैन के महाकाल मंदिर के गर्भगृह में भस्म आरती के दौरान लगी आग, पुजारी समेत 14 लोग झुलसे,6 की हालत गंभीर,देखें वीडियो,सामने आई बड़ी वजह…

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महाकाल मंदिर में प्रतिदिन की तरह सोमवार तड़के भी भस्म आरती हो रही थी. सुबह करीब 5.45 बजे आरती के अंतिम क्षणों में बाबा को गुलाल चढ़ाया जा रहा था. साथ में पुजारी भी एक दूसरे पर गुलाल डाल रहे थे. इसी दौरान आरती की थाल में जल रहे कपूर पर गुलाल गिरने से वह बिखर गया. इसके बाद महाकाल के ऊपर बांधे गए फ्लेक्स में आग पकड़ लग गई।

विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर (Mahakal Temple) में सोमवार तड़के एक बड़ा हादसा हो गया. यहां भस्म आरती (Bhasm Arti) के दौरान गर्भ गृह में आग लग गई. घटना में पुजारी सहित 14 लोग झुलस गए. बताया जाता है कि आग लगने की ये घटना आरती में जल रहे कपूर भभकने से हुईं. मामले में कलेक्टर नीरज सिंह ने जांच के आदेश दिए हैं. आपको बता दें कि जिस वक्त ये हादसा हुआ, उस वक्त सीएम डॉ. मोहन यादव के पुत्र वैभव और बेटी डॉक्टर आकांक्षा नंदी हाल में बैठकर बाबा की आराधना कर रहे थे.

ऐसे भड़की आग

दरअसल, महाकाल मंदिर में प्रतिदिन की तरह सोमवार तड़के भी भस्म आरती हो रही थी. सुबह करीब 5.45 बजे आरती के अंतिम क्षणों में बाबा को गुलाल चढ़ाया जा रहा था. साथ में पुजारी भी एक दूसरे पर गुलाल डाल रहे थे. इसी दौरान आरती की थाल में जल रहे कपूर पर गुलाल गिरने से वह बिखर गया. इसके बाद महाकाल के ऊपर बांधे गए फ्लेक्स में आग पकड़ लग गई. इसके बाद अचानक आग फैल गई और पूजा कर रहे संजय गुरु, दिलीप गुरु, कमल जोशी, विकास और मनोज पुजारी, अंश पुरोहित, सेवक महेश शर्मा, चिंतामन गेहलोत सहित 14 लोग घायल हो गए. सभी घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जहां पर दो को मामूली चोट के कारण छुट्टी कर दी गई. वहीं, 6 की हालत गंभीर होने पर उन्हें इंदौर रेफर कर दिया गया है।

रंग से बचाने के लिए लगाया गया था फ्लेक्स
बता दें कि गर्भ की दीवार और छत पर चांदी की परत चढ़ी हुई है. होली पर बाबा महाकाल को गुलाल चढ़ाया जाता है. वहीं, पुजारी भी एक दूसरे पर रंग डालते हैं. इन रंगों से गर्भ की दीवार खराब न हो, इसलिए शिवलिंग के ऊपर इस वर्ष प्लास्टिक का फ्लेक्स लगाया गया था. बताया जाता है कि गर्भ गृह में एक दूसरे पर रंग डालने के दौरान गुलाल आरती की थाल में जल रहे कपूर पर गिर गया, जिससे कपूर भभका और फ्लैक्स ने आग पकड़ ली, जिसकी वजह से ये हादसा हुआ. हालांकि, आग पर कुछ ही देर में काबू पा लिया गया, लेकिन तब तक 14 लोग झुलस चुके थे.

भगदड़ में हुई थी 35 लोगों की मौत
बता दें कि करीब 30 साल पहले महाकाल मंदिर में भगदड़ मच गई थी. उस दौरान करीब 35 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद एक बार मंदिर प्रांगण में पेड़ गिरने से भी दो लोगों की मौत हुई थी।

एक दिन पहले भी खेली गई थी होली
आपको बता दें कि विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर के आंगन में रविवार शाम को ही होली पर्व की शुरुआत हो गई थी. यहां सबसे पहले सांध्य आरती में हजारों भक्तों ने बाबा महाकाल के साथ गुलाल से होली खेली. तत्पश्चात महाकाल प्रांगण में होलिका दहन किया गया।

ऐसे तो रविवार सुबह भस्म आरती में भक्तों ने 51 क्विंटल फूलों से होली खेलकर पर्व की शुरुआत कर दी थी, लेकिन शाम को संध्या आरती में पुजारियों ने बाबा महाकाल पर गुलाल लगाया. इसके बाद आरती में शामिल भक्तों ने मंदिर में ही जमकर होली खेली. पुजारियों ने यहां महाकाल प्रांगण में होलिका की मंत्रोच्चार कर पूजा का दहन किया. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे, जिन्होंने होली के दर्शन के बाद एक दूसरे के साथ रंगना खेलना शुरू कर दिया. बता दें कि दोपहर में महाकाल मंडप में बाबा महाकाल ने माता पार्वती के साथ अपनी भूत प्रेत की सेना के साथ नाचते-गाते जमकर होली खेली थी।