जग्गी हत्याकांड में आया फैसला.. ‘ढेबर’ समेत सभी आरोपियों को उम्रकैद की सजा, जानें क्या था पूरा मामला..

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छत्तीसगढ़ में सन 2003 में सामने आएं पहले राजनीतिक हत्याकाण्ड रामावतार जग्गी मर्डर केस में कोर्ट का फैसला आया हैं। इस मामले में कोर्ट ने सभी आरोपियों को उम्र कैद की सुनाई सुनाई हैं। इनमें याया ढेबर का नाम भी शामिल हैं।

गौरतलब हैं कि रामावतार जग्गी एनसीपी के नेता थे। वह पूर्व दिवंगत केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल के बेहद करीबी नेता थे। उनकी हत्या मौदहापारा थाने के पास की गई थी। इस हत्याकांड में पूर्व दिवंगत सीएम अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी को भी आरोपी बनाया गया था लेकिन उन्हें बाद में रिहा कर दिया गया था।

अभियुक्तों की तरफ से उनके अधिवक्ताओं ने बहस की। उन्होंने हत्याकांड में पर्याप्त सबूत Same बिना सजा देने की बात कही।वहीं सीबीआई की तरफ से भी तर्क प्रस्तुत किया गया और बताया गया कि किस आधार पर हत्याकांड की जांच कर आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश किया गया था। हाईकोर्ट ने सभी पक्ष को सुनने के बाद महत्वपूर्ण फैसला देते हुए आरोपियों की अपील ख़ारिज कर दी है. इस फैसले के बाद जग्गी हत्याकांड में अमित जोगी की मुश्किलें बढ़ सकती है।

बता दें की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष रामावतार जग्गी की 4 जून 2003 को रायपुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में सीबीआई ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे और मरवाही के पूर्व विधायक अमित जोगी सहित 31 लोगों को आरोपी ठहराते हुए रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया था. कोर्ट ने 31 मई 2007 को दिए गए फैसले में विशेष न्यायाधीश बीएल तिड़के की कोर्ट ने अमित जोगी सहित विश्वनाथ राजभर, विनोद सिंह, श्यामसुंदर उर्फ आनंद, अविनाश उर्फ लल्लन सिंह, तथा जामवंत कश्यप को दोषमुक्त ठहराया था. 19 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, जिसमे शूटर चिमन सिंह, याहया ढेबर, अभय गोयल,शिवेंद्र सिंह, फिरोज सिद्दिकी, विक्रम शर्मा, राकेश शर्मा, अशोक भदौरिया,संजय कुशवाहा, राजीव भदौरिया, नरसी शर्मा, विवेक भदौरिया, रवि कुशवाहा, सत्येंद्र सिंह तोमर, सुनील गुली, अमित पचौरी तथा हरीश चंद्र शामिल थे।