गर्मियों के सीजन में पानी की बोतल की डिमांड बढ़ जाती है। ऐसे में मार्केट में नकली मिनरल वॉटर का धंधा भी जोर पकड़ लेता है।
भारत में गर्मियों की शुरुआत हो चुकी है. अप्रैल के दूसरे ही हफ्ते में कई जगहों का तापमान चालीस के पार जाने लगा है. गर्मियों में बढ़ते तापमान के साथ ही शुरू हो जाती है पानी की किल्लत. चिलचिलाती धूप में नदी-तालाब सूखने लगते हैं. इसके साथ ही बोरिंग का लेवल भी नीचे जाने की वजह से पीने के पानी की दिक्क्तें शुरू हो जाती है. ऐसे में लोगों के पास बाजार में बिकने वाला मिनरल वॉटर खरीदने का ही ऑप्शन बचता है।
गर्मियों के शुरू होते ही धड़ल्ले से नकली पानी बेचने का धंधा भी चालू हो जाता है. कई लोग पानी की बोतलें कबाड़ी से खरीदकर उसमें गंदा पानी ही भर देते हैं. इसके बाद उन्हें बड़ी आसानी से सील-पैक कर बाजार में बेचा जाता है. इस तरह की बोतलों को खरीदने वाला तो समझता है कि वो मिनरल वॉटर पीकर अपनी हेल्थ बना रहा है. लेकिन असल में वो जहर का घूंट ले रहा होता है.
आसानी से हो जाता है सील-पैक
बाजार से पानी की बोतल खरीदने वाले सिर्फ बोतल की सील चेक करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अब बाजार में ऐसे कई मशीन आ गए हैं, जिसकी मदद से पुराने बोतलों पर भी ढक्कन लगा कर उसे सील किया जा सकता है. ये मशीन ऑनलाइन भी अवेलेबल हैं. इन्हें सिर्फ पुरानी बोतलों के ढक्कन पर प्रेस करना होता है और बोतल नए जैसी सील हो जाती है।
अंदर भरा होता है गंदा पानी
आमतौर पर मिनरल वॉटर को काफी प्रॉसेस किया जाता है. ये पानी किसी तरह के कीटाणु से फ्री होता है. हेल्थ के लिए ये पानी बिल्कुल नुकसानदायक नहीं होता. लेकिन जब लोग पुराने बोतल को इस तरह से सील पैक करते हैं, तब उसमें सीधे गंदा पानी भर देते हैं. इस पानी में कोई मिनरल नहीं होता. लेकिन लोगों से पैसे मिनरल वॉटर जितने ही वसूले जाते हैं. सोशल मीडिया पर इन बोतलों को सील पैक करने का तरीका दिखाया गया. ऐसे में आगे से बाहर से बोतल खरीदने से पहले आपको ज्यादा सतर्क रहने की जरुरत हैं।