दो कर्मचारियों की मौत के मामले ने पकड़ा तूल,अशोका बिरयानी सेंटर का संचालक गिरफ्तार

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सफाई के लिए गटर में उतरे दो कर्मचारियों की मौत के तीसरे दिन शनिवार को तेलीबांधा पुलिस ने अशोका बिरयानी के संचालक कृष्णकांत तिवारी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपित के विरुद्ध धारा 304, 34 के तहत अपराध दर्ज किया गया है।

Raipur News: सफाई के लिए गटर में उतरे दो कर्मचारियों की मौत के तीसरे दिन शनिवार को तेलीबांधा पुलिस ने अशोका बिरयानी के संचालक कृष्णकांत तिवारी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपित के विरुद्ध धारा 304, 34 के तहत अपराध दर्ज किया गया है। साथ ही वर्तमान में जेल में बंद ब्रांच मैनेजर रोमिना मंडल और जीएम रोहित चंद को रिहा होने के बाद गिरफ्तार किया जाएगा। सीईओ सनाया तिवारी फरार है।

इधर, शुक्रवार देर रात हंगामे के बाद अशोका बिरयानी प्रबंधन ने मृतक कर्मचारी नीलकमल पटेल और डेविड साहू के स्वजन को 15-15 लाख रुपये मुआवजे का चेक दिया। साथ ही पीड़ित परिवारों को 15-15 हजार रुपये प्रतिमाह देने पर सहमति बनी। इससे पहले पुलिस ने अशोका बिरयानी के संचालक कृष्णकांत तिवारी, सीईओ सनाया तिवारी, जीएम रोहित चंद, ब्रांच मैनेजर रोमिना मंडल पर गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज किया है।

जीएम रोहित चंद व ब्रांच मैनेजर रोमिना मंडल पत्रकारों से मारपीट मामले में पहले ही गिरफ्तार हैं। वहीं शुक्रवार को शव रखकर प्रदर्शन कर रहे स्वजन से मिलने देर रात उप मुख्यमंत्री व गृह मंत्री विजय शर्मा अशोका बिरयानी लभांडी पहुंचे थे। स्वजन तड़के चार बजे शव को लेकर रवाना हुए। उप मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारों को कार्रवाई का आश्वासन दिया था।

मृतक नीलकमल कुमार पटेल (30) जांजगीर चांपा निवासी के भाई दिनेश पटेल ने बताया कि नीलकमल अशोका बिरयानी सेंटर में इलेक्ट्रिशियन का काम करता था, बावजूद उसे जबरन गटर में उतारा गया। घटना के बाद होटल प्रबंधन ने उसे लगातार गुमराह करते हुए मौत की अलग-अलग वजह बताई। नीलकमल का डेढ़ साल बच्चा भी है। अब प्रबंधन इस मामले को ठंडे बस्ते में डालना चाहता है। हमारे भाई के हत्या का आरोपी अशोक बिरयानी का मालिक है और मालिक ही सभी सच्चाई को छुपाकर सभी कर्मचारियों पर दबाव बनाए रखा है। सच सामने आना चाहिए। सभी कर्मचारियों से अलग-अलग बयान कठोरता से लेना चाहिए। जिससे सच्चाई सामने आ पाएगी। शबाना, रूबीना, पूजा और न जाने कई ऐसी महिला इंजार्च कर्मचारी है जो मालिक की खास बनकर कर्मचारियों पर अत्याचार करती है। जब दोनों मृतकों को सुबह 6 बजे से गटर साफ करने के नाम पर भेजा गया था। तो सुबह 11 बजे लाश के रूप में क्यों निकाला गया।अशोका बिरयानी के सभी ब्रांच में ताले, गृहमंत्री विजय शर्मा ने पीडि़त परिवारों को न्याय का भरोसा दिया।