शराब कारोबारी त्रिलोक सिंह ढिल्लन को EOW की टीम आज रायपुर लेकर पहुंची है। जिसके बाद टीम उसे कोर्ट में पेश कर सकती है। बता दें कि शराब घोटाला मामले में त्रिलोक सिंह ढिल्लन की गिरफ्तारी कर्नाटक से हुई है। जिसे आज सुबह ईओडब्लयू की टीम फ्लाइट से लेकर रायपुर पहुंची।
इधर, दो दिन की न्यायिक रिमांड पूरी होने के बाद रिटायर्ड आइएएस अनिल टुटेजा को बुधवार विशेष कोर्ट में पेश किया गया। जहां ईडी की ओर से पूछताछ के लिए 14 दिन की रिमांड मांगी गई थी। दोनों पक्ष के वकीलों का तर्क सुनने के बाद जज ने उसे पांच दिन की ईडी रिमांड पर भेजने का आदेश सुनाया। अब ईडी के अधिकारी टुटेजा से पूछताछ कर शराब घोटाले से जुड़ी कई अहम जानकारी लेंगे।
ईडी ने दर्ज की नई ECIR
रिटायर्ड IAS अफसर अनिल टुटेजा को मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कोर्ट में पेश किया गया था। जेल प्रबंधन ने सुरक्षा के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध नहीं होने का हवाला देते हुए उन्हें कोर्ट में लाने की असमर्थता जताई थी। शराब घोटाला केस में 8 अप्रैल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED की ECIR को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था। इसके साथ ही अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश समेत 6 आरोपियों को राहत मिली थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस मामले में एसीबी और ईओडब्लू की FIR को अधार बनाते हुए ईडी ने नई ECIR दर्ज की है। जिस पर नए सिरे से जांच जारी है।
लोगों को भेजे जा रहे समंस
विश्वस्त सूत्रों की मानें तो ईडी ने अनिल टुटेजा की गिरफ्तारी में कई आधार बताए हैं। करीब 16 पन्नों पर ईडी ने ग्राउंड ऑफ अरेस्ट का ब्योरा दिया है। ईडी का कहना है कि, शराब घोटाले में अनवर ढेबर ने सिंडिकेट बनाया और उस सिंडिकेट को सबसे ज्यादा पावर अनिल टुटेजा से मिलती थी. जो कंट्रोलर की भूमिका में थे। ईडी ने उन्हें आर्किटेक्ट ऑफ लिकर स्कैम बताया है। ईडी ने कथित घोटाले से जुड़े लोगों को अब समंस भेजना भी शुरू कर दिया है। वहीं EOW की ओर से की गई FIR में 70 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है। फ्रेश ECIR में भी पुराने नाम शामिल हैं। ईडी सभी को पूछताछ करने के लिए समंस भेज रही है।