अब इस नाम से जाने जाएंगे स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल, जानें क्या होंगे बदलाव,जानें और क्या रहेगा खास…

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भूपेश सरकार के समय छत्तीसगढ़ में खोले गये स्वामी आत्मानंद इग्लिश मीडियम स्कूल में कुछ अहम बदलाव किये जाएंगे।

भूपेश सरकार के समय छत्तीसगढ़ में खोले गये स्वामी आत्मानंद इग्लिश मीडियम स्कूल में कुछ अहम बदलाव किये जाएंगे। इस बदलाव को लेकर प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है। दरअसल, प्रदेश की बीजेपी सरकार स्वामी आत्मानंद इग्लिश मीडियम स्कूल के आगे पीएम श्री जोड़ रही है। ताकि नई शिक्षा नीति के तहत इन स्कूलों को केंद्र सरकार से और अधिक आर्थिक मदद मिल सके। इन स्कूलों को और बेहतर और हाईटेक बनाया जाएगा। केंद्रिय शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान ने इस पर हरी झंडी दे दी है। इसी परिवर्तन को लेकर कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर है। मामले में सरकार पर कई आरोप भी दागे हैं। इस संबंध अमर उजाला ने बीजेपी सांसद और दुर्ग लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी विजय बघेल से खास बातचीत की। उन्होंने कहा कि पीएमश्री योजना के तहत चयनित किसी भी शाला का नाम नहीं बदला जायेगा। कहीं से भी नाम विलोपित नहीं किया जा रहा है।

सांसद ने कहा कि पूर्व सीएम भूपेश बघेल की ओर से ये आरोप लगाया जा रहा है। ये सरासर गलत हैं और झूठ है। इन स्कूलों के नाम में सिर्फ पीएम श्री अतिरिक्त जोड़ा जा रहा है। कही भी साधु-संतों का अपमान नहीं किया जा रहा है जबकि कांग्रेस साधु-संतों का अपमान कर रहे हैं। स्वामी आत्मानंद के नाम से इग्लिश मीडियम स्कूल खोला। एक रुपये का बजट प्रावधान नहीं किया। विधानसभा में शिवरतन शर्मा ने सवाल पूछा तो भूपेश जवाब नहीं दे पाये। पीएम श्री योजना में चयनित विद्यालयों के शामिल हो जाने से इन विद्यालयों को केन्द्र सरकार से अतिरिक्त आर्थिक मदद और तकनीकी सुविधाएं मिलेंगी। योजना के तहत आगामी पांच वर्षों के लिए 27 हजार करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है। पहले चरण में छत्तीसगढ़ के 211 स्कूलों का चयन किया गया है। दूसरे चरण में 500 से अधिक शालाओं का चयन होगा।

भूपेश राज में स्वामी आत्मानंद स्कूलों के लिए नहीं था बजट
उन्होंने कहा कि भूपेश सरकार ने आत्मानंद स्कूलों के लिए एक रुपए का बजट प्रावधान नहीं करके भूपेश सरकार ने खुद स्वामी आत्मानंदजी का घोर अपमान करने काम किया था। स्वामी अत्मानंद स्कूलों के नाम बदलने को लेकर फैलाए जा रहे झूठ पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आड़े हाथों लेते हुए कहा है बिना तथ्यों को जाने बयानबाजी करना फर्जी आदमी की फर्जी बातें हैं। डबल इंजन की सरकार इस महत्वाकांक्षी योजना को और बेहतर बनायेगी। कांग्रेस इस योजना को लेकर तरह-तरह के झूठ फैलाकर प्रदेश की जनता को भ्रमित करने की नाकाम कोशिशों में जुटी है। जिस कांग्रेस ने साधु-संतों पर गोलियां बरसाने और हर मौके पर उन्हें अपमानित करने में जरा भी शर्म महसूस नहीं की। आज वहीं कांग्रेस साधु-संतों के नाम पर घृणित राजनीति कर रही है।

शिक्षा का स्तर बढ़ेगा तो कांग्रेस खत्म हो जाएगी’
बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासनकाल में खोले गए स्वामी आत्मानंद स्कूलों की दुर्दशा और अव्यवस्था से पूरा प्रदेश वाकिफ है। अब प्रदेश की भाजपा सरकार शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त कर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिहाज से अनुकरणीय पहल कर रही है तो कांग्रेस के लोग प्रलाप कर रहे हैं। दरअसल, जब भी विकास और शिक्षा के उन्नयन की बात होती है, कांग्रेस भयभीत नजर आने लगती है क्योंकि जहां-जहां शिक्षा का स्तर बढेगा कांग्रेस खत्म होती जाएगी। जहां-जहां गरीबी हटेगी वहीं कांग्रेस खत्म होगी। पिछली कांग्रेस सरकार ने किसी भी अपनी योजना-घोषणा के लिए कोई बजट प्रावधान नहीं किया और इधर-उधर की मदों के पैसों से योजना चलाते रहे और छत्तीसगढ़ को 91 हजार करोड़ रुपए के कर्ज के दलदल में धंसा दिया।

विष्णुदेव सरकार की नई व्यवस्था में ये होंगे अहम बदलाव
प्रदेश की बीजेपी सरकार स्वामी आत्मानंद इग्लिश मीडियम स्कूल के आगे पीएम श्री जोड़ रही है, ताकि नई शिक्षा नीति के तहत इन स्कूलों को केंद्र सरकार से और अधिक आर्थिक मदद मिल सके।
योजना के तहत केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत देशभर के 14,500 सरकारी स्कूलों अपग्रेड करेगी। इन स्कूलों को पीएमश्री योजना के तहत अपग्रेड किया जायेगा। पहेल चरण में छत्तीसगढ़ के 211 स्कूलों का चयन किया गया है।

दूसरे चरण में 500 से अधिक शालाओं का चयन होगा। इसमें एलीमेन्ट्री स्तर पर 193 और सेकेंडरी स्तर पर 18 स्कूल शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य में प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएमश्री) योजना का शुभारंभ किया था।
पीएमश्री योजना के पहले चरण में प्रत्येक शाला पर 2 करोड़ रुपए खर्च करके ‘हब एंड स्पोक’ मॉडल पर अपग्रेड किया जाएगा। इसका उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकार स्थानीय निकायों की ओर से प्रबंधित स्कूलों में से चयनित मौजूदा स्कूलों को मजबूत करना है।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक व्यापक पहुंच प्रदान करने के लिए प्रत्येक ब्लॉक में एक पीएमश्री स्कूल स्थापित करने की योजना है।

पीएमश्री योजना हर स्कूलों के लिए पद्मश्री के समान होगा और हर स्कूलों में खुद को बेहतर बनने की स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होगी। नई शिक्षा नीति में शिक्षकों स्तर को उठाने के कार्य होंगे। पीएमश्री योजना प्रवेश द्वार साबित होगी।
योजना में शिक्षकों को अनुभवात्मक शिक्षा प्रदान करना और उन्हें शैक्षिक प्रणाली को बढ़ाने के लिए विविध उपकरणों से परिचित कराना शामिल है।
योजना में मापदंड पूरा करने पर देश का कोई भी स्कूल शामिल हो सकता है। चयनित होने पर स्कूल एक आधुनिक संस्थान में बदल जाएगा।

क्यों सुर्खियों में है ये स्कूल
पिछले तीन सालों से छत्तीसगढ़ बोर्ड के 10वीं और 12वीं को रिजल्ट में सरकारी विद्यालय स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यमॉ स्कूलों का शानदार प्रदर्शन रहा है। इन स्कूलों से हर बार बड़ी संख्या में छात्रों ने माशिमं की मेरिट लिस्ट में जगह बनाई है। इस बार के बोर्ड रिजल्ट में इन स्कूलों का दबदबा है। इन स्कूलों को भूपेश सरकार में प्राइवेट स्कूल्स की तर्ज पर विकसित किया गया है। इनके इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव के साथ ही हाईटेक सुविधाओं से लैस कैंपस, शानदार टीचर फैक्लटी समेत कई अत्याधुनिक सुविधायें उपलब्ध हैं। ये स्कूल हिंदी और अंग्रेजी दोनों मीडियम में चल रहे हैं।

जानें, कौन थे स्वामी आत्मानंद
स्वामी आत्मानंद छत्तीसगढ़ के प्रख्यात संत थे। सामाजिक परिवर्तन के लिए उन्होंने अहम योगदान दिये हैं। मानवता की सेवा में उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। युवाओं के मन में ज्ञान की लौ जलाई। करुणा और समाजसेवा के बारे में सिखाया। स्वामी आत्मानंद को बचपन में प्यार से तुलेन्द्र भी कहा जाता था। उनका जन्म 6 अक्टूबर 1929 को रायपुर जिले के बरबंदा गांव में हुआ था। उनके पिता धनीराम वर्मा एक स्कूल शिक्षक थे। माता भाग्यवती देवी एक गृहिणी थीं। आगे चलकर तुलेन्द्र संत बन गये। साल 1960 में चैतन्य ने संन्यास ले लिया और स्वामी आत्मानंद के नाम से प्रसिद्ध हुये। उनके प्रवचनों में भाग लेने वाले लोगों ने दान और आर्थिक योगदान देना शुरू कर दिया ताकि समाजसेवा हो सके। साल 1961 में राज्य सरकार ने उन्हें आश्रम के निर्माण के लिए 93,098 वर्ग फुट जमीन दी। 13 अप्रैल 1962 को इस आश्रम का उद्घाटन हुआ। आज हम रायपुर के जिस खूबसूरत स्वामी विवेकानन्द आश्रम को देखते हैं, वह उनकी कड़ी मेहनत का परिणाम है। स्वामी छत्तीसगढ़ की जनता के प्रति निस्वार्थ भाव से समर्पित रहे। मंदिर निर्माण के लिए उनके पास जो भी धन था, उसे उन्होंने जरूरतमंद लोगों को दे दिया।