

बलौदाबाजार हिंसा पर सियासत चरम पर है। कांग्रेस की जांच दल के जाने के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सहित विधायक घटनास्थल का जायजा लेने पहुंचे। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत कलेक्ट्रेट परिसर में हुई आगजनी का जायजा लेने पँहुचे।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने बलौदाबाजार की घटना को गंभीरता से लेते हुये कांग्रेस ने एक जांच कमेटी बनाई, साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेतागण और विधायक,जिला अध्यक्ष,तथा प्रदेश पदाधिकारी आज बलौदाबाजार घटना स्थल के लिए रवाना हुए।

प्रदेश कांग्रेस महामंत्री जितेन्द्र साहू,जिला कांग्रेस कमेटी, भिलाई के अध्यक्ष मुकेश चंद्राकर ने संयुक्त रूप से कहा कि भाजपा सरकार की लापरवाही और नाकामी का परिणाम है बलौदाबाजार की घटना। जब वहां 15-16 मई की घटना हुई थी तो उसी समय कंट्रोल किया जा सकता था, लेकिन, सरकार ने ध्यान नहीं दिया। इंटेलिजेंस फेलियर रहा है। इस घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अपने पद से इस्तीफा दें।
देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कलेक्टर और एसपी के कार्यालय को एक साथ जला दिया गया यह घटना राज्य के कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती है। साय सरकार की अकर्मण्यता के चलते ही बलौदाबाजार में कानून व्यवस्था बिगड़ी है। यदि समय रहते जैतखाम को क्षति पहुंचाने वालों पर कार्यवाही की गई होती और आहत समाज से संवाद किया गया होता तो ऐसी अप्रिय स्थिति निर्मित नहीं होती। धार्मिक भावनाएं आहत होने पर आंदोलित समाज को विश्वास में लिया गया होता तो ऐसे विध्वंसक प्रतिक्रिया नहीं होती। यहां की स्थिति को समय पर हल नहीं करने के कारण इस पूरे मामले के लिये दोषी साय सरकार है। इस घटना की जिम्मेदारी तय होनी चाहिये। अपनी नाकामी छिपाने के लिए कांग्रेस के ऊपर आरोप लगा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यह घटना सरकार के इंटेलीजेंस फेलियर का परिणाम है। समाज ने प्रदर्शन के लिये अनुमति लिया था। सरकार को जानकारी थी फिर भी सावधानी क्यों नहीं बरती गयी? सतनामी समाज के द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से लोगो को बलौदाबाजार पहुंचने की अपील की गयी थी। बड़ी संख्या में लोग आयेंगे इसका भी अनुमान था,फिर प्रशासन ने लापरवाही क्यों बरता? जरा भी नैतिकता बची हो तो मुख्यमंत्री तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे।