हरियाणा के सिरसा से सांसद बनी कुमारी शैलेजा की फतेहाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हंगामा हो गया। ये बवाल गेट बंद होने पर हुआ। दरअसल, सैलजा कार्यकर्ता सम्मेलन के बाद जैसे ही प्रेस कॉन्फ्रेंस रूम की तरफ गईं तो अधिकतर नेता अंदर चले गए, लेकिन पूर्व मंत्री परमवीर सिंह और उनके समर्थक बाहर रह गए। नव निर्वाचित सांसद कुमारी सैलजा जब अपने ऑफिस पहुंची तो 8500 मांगे वाले लोग आ गए हैं।
उन्होंने गेट को थपथपाना शुरू कर दिया। जिसके बाद कांग्रेस का समर्थकों ने दफ्तर के दरवाजे में लगे कांच को आक्रोश में तोड़ दिया। इस हंगामे पर सैलजा भी उखड़ी नजर आई और कार्यकर्ताओं से स्टॉप इट, स्टॉप इट, बस करो, खोलो इसको, बाहर से खोलो कहते हुए नजर आईं। बाद में परमवीर सिंह अंदर आए और अंदर से गेट बंद होने की बात कही। इस पर सैलजा ने उन्हें भी बताया कि गेट बंद नहीं था। गेट अंदर या बाहर से कैसे बंद हुआ, यह पता नहीं चल पाया।
हरियाणा कांग्रेस में लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर घमासान छिड़ा हुआ है। सिरसा से लोकसभा चुनाव जीत चुकी कुमारी सैलजा लगातार सार्वजनिक मंच पर टिकट बंटवारे को लेकर सवाल उठा रही हैं। वह यहां तक कह चुकी हैं कि टिकट बंटवारा यदि सही होता तो हम सभी सीटों पर जीत दर्ज कर सकते थे। सैलजा ने कहा है कि सोनीपत लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ाने के लिए हरिद्वार (उत्तराखंड) से प्रत्याशी लेकर आ रहे हैं। सैलजा के इन बयानों पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें जो भी बात कहनी है, वह पार्टी के सीनियर लीडरशिप से बात कर सकती हैं। टिकट वितरण बेहतर हुआ था तभी तो हरियाणा में कांग्रेस का ग्राफ भी बढ़ा है। वोटिंग प्रतिशत भी बढ़ा और सीटें भी 5 आई।
उदयभान ने कहा कि कुमारी सैलजा को इस तरीके से जनता में या फिर मीडिया में बयान नहीं देना चाहिए। उदयभान ने दावा किया कि विधानसभा में भी हम 70 प्लस सीटें लेकर आएंगे और सरकार बनाएंगे। कुमारी सैलजा ने कहा कि लोकसभा चुनावों में टिकट बंटवारा बेहतर तरीके से हुआ होता तो देश की सबसे पुरानी पार्टी हरियाणा की सभी 10 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती थी। कुमारी सैलजा ने कहा कि अगर पार्टी हाईकमान को विश्वसनीय फीडबैक दिया गया होता और टिकट बांटने में कोई गड़बड़ी नहीं होतीं, तो पार्टी सभी 10 सीटों पर जीत हासिल कर सकती थी। उन्होंने करनाल सीट का उदाहरण दिया, अगर हम थोड़ा ओर जोर लगाते तो शायद करनाल लोकसभा सीट और विधानसभा सीट हमारे पास होती। भिवानी को देखें, अगर श्रुति चौधरी उम्मीदवार होतीं, तो कांग्रेस आसानी से जीत सकते थी।