कैंची धाम मंदिर के स्थापना दिवस के अवसर पर प्रत्येक साल यहां 15 जून को मेला लगता है। इस मेले में अधिक संख्या में श्रद्धालु आते हैं और नीम करोली बाबा के दर्शन करते हैं। इस दिन यहां पर बेहद खास रौनक देखने को मिलती है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में मांगी हर मुराद नीब करौरी पूरी करते हैं।
कैंची धाम बेहद प्रसिद्ध है,नीम करौली मंदिर नैनीताल में है,इस मंदिर का स्थापना दिवस 15 जून को है।
उत्तराखंड के नैनीताल में कैंची धाम मंदिर स्थित है। वर्तमान में मंदिर अधिक प्रसिद्ध है। आज यानी 15 जून को कैंची धाम के 60वां स्थापना दिवस बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस अवसर पर भंडारे का आयोजन किया जाता है। नीम करोली बाबा की ख्याति देश-विदेश तक अधिक फैली हुई है। ऐसा माना जाता है कि उनके द्वारा किए गए चमत्कारों को वर्तमान में भी याद करते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं नीम करोली बाबा के बारे में विस्तार से।
कौन हैं नीम करोली बाबा
नीम करोली बाबा 20वीं सदी के महान संतों में शामिल हैं और अपनी दिव्य शक्तियों के कारण लोकप्रिय हैं। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के अकबरपुर में वर्ष 1900 के करीब हुआ था। वह बजरंगबली के भक्त थे। नीम करोली बाबा का शुरुआती नाम लक्ष्मण नारायण शर्मा था। वह धनी ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखते थे। मान्यताओं के अनुसार, नीम करोली बाबा को कलयुग में हनुमान जी का अवतार बताया गया है। उनको लक्ष्मण दास, नीम करोली बाबा, तिकोनिया वाले बाबा और तलईया बाबा जैसे नामों से जाना जाता था।
नीम करोली बाबा के माता-पिता ने उनकी शादी 11 वर्ष की उम्र में कर दी थी। लेकिन उन्होंने साधु बनने की वजह से घर त्याग दिया था। उनके पिता बाबा के इस फैसले के खिलाफ थे। इसके बाद उन्होंने भक्ति में डूबकर भी अपना गृहस्थ जीवन जीना शुरू किया।
हर साल लगता है कैंची धाम मेला
कैंची धाम मंदिर के स्थापना दिवस के अवसर पर प्रत्येक साल यहां 15 जून को मेला लगता है। इस मेले में अधिक संख्या में श्रद्धालु आते हैं और नीम करोली बाबा के दर्शन करते हैं। इस दिन यहां पर बेहद खास रौनक देखने को मिलती है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में मांगी हर मुराद नीब करौरी पूरी करते हैं।