छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर मंगलवार को प्रदेश भर में बलौदाबाजार हिंसा को लेकर कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदेश के सभी बड़े नेता मैदान में निकले और हिंसा को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर मंगलवार को प्रदेश भर में बलौदाबाजार हिंसा को लेकर कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। दुर्ग जिला मुख्यालय में ज़िला कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में प्रदेश के बलौदाबाज़ार में कलेक्टर कार्यालय और पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आगजनी की घटना के विरोध में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। धरना प्रदर्शन में प्रदेश के पूर्व मंत्री रविन्द्र चौबे ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कलेक्टर कार्यालय और एसपी कार्यालय किसी का घर नहीं है ये आम जनता की संपत्ति है वे कौन लोग हैं जो कलेक्टर और एसपी जैसे कार्यालय में आगज़नी की घटना को अंजाम दिये हैं।
उन्होंने कहा कि यह आज़ाद भारत की पहली घटना होगी जहां कलेक्टर कार्यालय और एसपी कार्यालय को आग के हवाले किया गया और सरकार आज तक कुछ नहीं कर रही है। इससे साफ़ है कि सरकार का सूचना तंत्र पूरी तरह फेल हो चुका है। प्रदेश सरकार आम लोगों के साथ साथ सार्वजनिक कार्यालयों की सुरक्षा करने में पूरी तरह नाकाम है। मुकेश चंद्राकर ने सभा को संबोधित करते हुए आगे कहा कि विष्णुदेव साय की सरकार को बने हुए महज़ छः माह ही हो रहे है इन छः माह में ही छत्तीसगढ़ जैसे शांत प्रदेश में ऐसी घटना का होना शर्मनाक है। प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और गृह मंत्री विजय शर्मा को पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है इसलिए उन्हें इस्तीफ़ा देना चाहिए।
जिला अध्यक्ष मुकेश चंद्राकर ने अपने उद्बोधन में कहा की आज भाजपा की सरकार जहाँ है वह प्रदेश जल रहा है, हिसंक घटनाएं दिन ब दिन बढ़ रही हैं, पिछले सालभर से मणिपुर जल रहा है, हरियाणा भी जला था, अब भाजपा की सरकार छत्तीसगढ़ को भी मणिपुर की तरह जलाना चाहती है। धर्म की आड़ में राजनीति करना भाजपा से अच्छा कोई नहीं जान सकता है।
धरना प्रदर्शन के दौरान एसडीएम को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
बता दें कि बीते दिनों बलौदाबाजार जिले के ग्राम महाकौनी में जैतखाम के अपमान और तोड़फोड़ के मामले में उचित कार्यवाही नहीं होने के कारण सामाजिक संगठन द्वारा आयोजित रैली के दौरान हुए उग्र प्रदर्शन से जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालय सहित परिसर में भारी आगजनी हुई। इस घटना में सैकड़ों दो पहिया/चार पहिया वाहनों एवं शासकीय संपत्ति को भारी क्षति पहुंची है। घटना को लेकर कांग्रेसियों ने प्रदेश सरकार पर साधा निशाना।