सुकमा जिले में नक्सलियों के खिलाफ लगातार चलाए जा रहे हैं अभियान में एक नया खुलासा पुलिस ने किया है, जहां नक्सली संगठन में आर्थिक संकट का तोड़ निकालने नक्सलियों द्वारा नकली नोट की छपाई का भंडाफोड़ पुलिस के द्वारा किया गया है।
सुकमा जिले में नक्सलियों के खिलाफ लगातार चलाए जा रहे हैं अभियान में एक नया खुलासा पुलिस ने किया है, जहां नक्सली संगठन में आर्थिक संकट का तोड़ निकालने नक्सलियों द्वारा नकली नोट की छपाई का भंडाफोड़ पुलिस के द्वारा किया गया है। मामले की पुष्टि करते हुए सुकमा एसपी किरण चौहान ने नक्सली संगठन द्वारा नकली नोट छापने का दावा किया है। सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने बताया कि कोराजगुड़ा के जंगलों में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर जवानों के द्वारा सर्च ऑपरेशन लॉन्च किया गया।
इस दौरान जवानों को आता देख नक्सली जंगलों की आड़ लेकर भाग गए लेकिन नक्सलियों द्वारा डंप किया गया सामान जवानों के द्वारा बरामद किया गया जहां से बड़ी मात्रा में प्रिंटर मशीन और इंक समेत नोट की प्रिंटिंग देखने को मिली। इतना ही नहीं नक्सली संगठन के नक्सली साहित्य एवं कई अहम दस्तावेज भी मौके से बरामद किए गए वहीं दो भरमार बंदूक दवाइयां वर्दी एवं अन्य सामग्री भी मिली।
क्या वाकई नक्सली कर रहे हैं नोट की प्रिंटिंग
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में नक्सलियों द्वारा नोट की प्रिंटिंग का मामला पहली बार सामने आया है । जिसमें पुलिस ने नक्सलियों द्वारा आर्थिक तंगी का तोड़ निकालने नकली नोट प्रिंटिंग का दावा किया जा रहा है । हालांकि मौके से केवल कुछ ही पेपरो में 50 100 200 और 500 के नोट के प्रिंटिंग सैंपल पाए गए इसके अलावा मौके से नकली नोट का कोई भी बंडल नहीं बरामद हुआ है । ऐसे में इस मामले पर कई सवाल खड़े होते हैं की अगर नक्सली नोट की प्रिंटिंग कर रहे हैं तो क्या यह केवल एक प्रयोग मात्र था । इसके साथ ही नक्सलियों के सप्लाई चैन और फंडिंग पर क्या वाकई पूरी तरह से लगाम लग चुका है ।
अगर सच में कर रहे नकली नोट की प्रिंटिंग तो क्या होगा
इस मामले ने सामने आते ही सुरक्षा एजेंसियों के साथ आम लोगों को चौंका दिया है क्योंकि सबसे बड़ा सवाल यह है कि नकली नोटों की प्रिंटिंग की जरूरत आखिर नक्सली संगठन को क्यों पड़ रही है और अगर नक्सली संगठन नकली नोटों को बाजार में खपाने का प्रयास करता है तो आम लोगों के बीच नक्सली संगठन का जनाधार भी घटने लगेगा और नक्सली संगठन इस बात से भली भांति वाकिफ है । क्या यह नक्सली संगठन का एक प्रयोग मात्र है या इसके पीछे कोई बड़ी तैयारी की जा रही है या फिर नकली नोटों की प्रिंटिंग का प्रयोग पुलिस एवं सुरक्षा एजेंसियों का ध्यान भटकाने मात्र का तरीका है । पुलिस ने अंदेशा जताते हुए प्रेस वार्ता में कहा है कि नक्सली संगठन अब आर्थिक रूप से कमजोर हो रहा है।
जिस वजह से वह आम बाजार में जरूरत को पूरा करने के लिए 100 ,200 ,500, 50 के नोटों को उतारेगा जिसको लेकर एसपी किरण चव्हाण ने आम लोगों से अपील भी की है कि नक्सलियों द्वारा दिए गए पैसे का उपयोग न करें वही एसपी किरण चौहान ने बताया कि जिले भर में पुलिस के द्वारा नकली नोट के खपत को रोकने अभियान चलाया जाएगा और लोगों को मीटिंग के जरिए जानकारी दी जाएगी