राम मंदिर को जनता के लिए खोले जाने के बाद पहली बारिश के बाद गर्भगृह की छत से पानी रिस रहा है। इसकी जानकारी मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने दी है।
अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर की छत से पहली बारिश में ही पानी टपकने लगा। मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने इस पर सख्त नाराजगी जाहिर की है। राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने सोमवार को पुष्टि की कि शनिवार आधी रात को हुई पहली बारिश में गर्भगृह में मंदिर की छत से तेजी से पानी टपक रहा था। सुबह जब पुजारी भगवान की पूजा करने वहां गए तो उन्होंने देखा कि फर्श पर पानी भरा हुआ है, जिसे काफी मशक्कत के बाद मंदिर परिसर से निकाला गया। मंदिर से पानी निकालने की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी।
उन्होंने बताया कि मंदिर में रामलला के विग्रह के ठीक सामने पुजारी के बैठने की जगह और वीआईपी दर्शन के लिए आने वाले लोगों के स्थान पर छत से बारिश का पानी तेजी से टपकने लगा। बारिश के पानी को निकालने के लिए मंदिर के पदाधिकारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। दास ने संवाददाताओं से कहा, ”बहुत आश्चर्य की बात है कि पूरे देश के ऐसे-ऐसे इंजीनियर यहां आकर राम मंदिर बना रहे हैं।
पिछली 22 जनवरी को मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो गई लेकिन यह किसी को ज्ञान नहीं रहा कि पानी बरसेगा तो छत टपकेगी। जो विश्व प्रसिद्ध मंदिर बन रहा हो उसके अंदर छत टपके, यह आश्चर्य की बात है। ऐसा क्यों हुआ? इतने बड़े इंजीनियरों के रहते ऐसी घटना हो रही है, जो बहुत गलत है। उन्होंने आरोप लगाया कि मंदिर निर्माण कार्य में लापरवाही बरती गई है। छत से पानी टपकने की घटना की सूचना शीर्ष अधिकारियों को दिए जाने के बाद मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र मंदिर पहुंचे और छतों की मरम्मत तथा ”वाटर प्रूफिंग” के निर्देश दिए।
हालांकि, जब मंदिर ट्रस्ट के अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की गई तो कोई भी मंदिर की छत से बारिश के पानी के रिसाव पर प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार नहीं हुआ। शनिवार रात हुई बारिश में रामपथ मार्ग और उससे जुड़ी गलियों में काफी जलभराव हो गया। घरों में सीवर का पानी भर जाने के अलावा अयोध्या नगर में रामपथ मार्ग और नवनिर्मित सड़कें कई स्थानों पर धंस गई हैं। सबसे ज्यादा संकट अयोध्या नगर में देखने को मिला, जहां जलवानपुरा से लेकर हनुमानगढ़ी भक्तिपथ और टेढ़ी बाजार से लेकर अंदरूनी इलाकों में भी जलभराव की स्थिति बनी हुई है।
अयोध्या के महापौर गिरीश पति त्रिपाठी ने बारिश के दौरान राम पथ की गलियों में घरों में सीवर का पानी भरने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मैंने सुबह से ही ‘डैमेज कंट्रोल'(नुकसान की भरपाई) शुरू कर दिया है, मैंने जलभराव वाले घरों से पानी निकालने के लिए नगर पालिका की कई टीमें लगाई हैं।” हालांकि, जब लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के शीर्ष अधिकारियों से सड़कों की स्थिति पर उनकी प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की गई, तो कोई भी बात करने या जिम्मेदारी लेने के लिए आगे नहीं आया।
इस बीच, कांग्रेस ने इस मामले को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये हैं। कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय राय ने कहा, ”शहीदों का ताबूत हो या फिर भगवान राम का मंदिर, भाजपा के लिए यह सभी भ्रष्टाचार के मौके बन गये हैं। देश में आस्था एवं पवित्रता के प्रतीक भी उनके लिए लूट के अवसर मात्र हैं। पुजारी सत्येंद्र दास के बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि करोड़ों रुपये की लागत से बने राम मंदिर के गर्भ गृह में पहली बारिश से पानी का रिसाव हो रहा है और जल निकासी की कोई उचित व्यवस्था भी नहीं है।
राय ने कहा, ”यही नहीं, अयोध्या के विकास का ढोल पीटने वाली भाजपा का मुखौटा राम मंदिर उद्घाटन से ठीक पहले 624 करोड़ रुपये की लागत से बने राम पथ में तमाम स्थानों पर सड़क ढहने से उतर गया है। यह स्पष्ट हो गया है कि चुनावी लाभ लेने के लिए ही जल्दबाजी में दोयम दर्जे का निर्माण कराकर भाजपा ने अयोध्या को भ्रष्टाचार का अड्डा बनाया है। अयोध्या के लोगों को भी उनकी जमीन का सही मुआवजा ना देकर भाजपा ने वहां की जनता के साथ सिर्फ अन्याय ही किया है।