रूंगटा पब्लिक स्कूल कोहका में आज मॉक फायर और निकासी ड्रिल कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

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आरपीएस में फायर सेफ्टी मॉक ड्रिल आयोजित

रूंगटा पब्लिक स्कूल कोहका में आज मॉक फायर और निकासी ड्रिल कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को आग की रोकथाम, आग बुझाने की तकनीक, और आपातकालीन प्रबंधन में प्रशिक्षित करना है।

आज के कार्यक्रम के, प्रशिक्षण श्री दानीराम यादव और श्री प्रवीण बारा ने कहा हमारे कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को उच्च-स्तरीय प्रशिक्षण और ज्ञान प्रदान करना है, जिससे वे आग और अन्य आपातकालीन स्थितियों से प्रभावी ढंग से निपट सकें।

इस कार्यक्रम के प्रशिक्षक श्री प्रवीण बारा के नेतृत्व में एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष) ने हमें बताया कि आग एक ज्वलनशील पदार्थ है, जो ऑक्सीजन, ज्वलनशील पदार्थ का हमारे वातावरण में निहित गैसों के संपर्क में आने के दबाव में बनती है । मुख्य रूप से आग चार प्रकार की होती हैं। एक ठोस वस्तु में लगी आग, दूसरी तरल वस्तु में लगी आग, तीसरी रसोई गैस में आग, चौथी धातु में लगी आग। अर्थात इन आगों से निपटने के लिए अलग-अलग प्रकार की वस्तुओं का इस्तेमाल किया जाता है। यदि ठोस वस्तु पर आग लगी है, तो उसे हम पानी डालकर, तरल पदार्थ में यदि आग लगी है तो उसमें हम ‘फोम’ डालकर बुझाने का प्रयास करेंगे। यदि रसोई गैस में आग लग जाती है तो हम एक मोटी चादर या कंबल को गीलाकर उसको गैस के ऊपर लपेटकर आग बुझायेंगे। अर्थात जिस प्रकार आग अलग-अलग प्रकार की होती है उसी प्रकार उसे बुझाने का ढंग भी अलग-अलग होते हैं जिसे उन्होंने हमें पूर्ण रूप से समझाने का प्रयास किया।

विद्यालय के उप प्रधानाचार्य दीप्ति सिंह ने इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि शैक्षणिक संस्थान वह स्थान हैं जहाँ छात्रों का सर्वांगीण विकास होता है, इस कार्यक्रम के द्वारा बच्चों को भविष्य में आने वाली आपदा तथा खतरे से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया गया।

स्कूल के प्रधानाचार्य श्री राजीव कुमार ने स्कूलों में ऐसी प्रक्रियाओं के महत्व और आवश्यकता पर दोहराया। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह का प्रशिक्षण हमारे विद्यार्थियों के साथ- साथ शिक्षकों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि स्कूल सुरक्षा कार्यक्रम गैर-संरचनात्मक उपायों के माध्यम से आपदा तैयारी प्रदान करके निरंतरता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें नियमित मॉक ड्रिल, आपदाओं का अनुकरण और छात्रों के बीच जागरूकता पैदा करना शामिल है। व्यावहारिक ज्ञान से सुसज्जित होने पर, बच्चे संकट के समय में अपनी भलाई का ख्याल रख सकते हैं और दूसरों की सहायता कर सकते हैं।

एसआरजीआई के अध्यक्ष श्री संजय रुंगटा जी ने कहा कि रूंगटा पब्लिक स्कूल, एक प्रमुख शैक्षणिक संस्थान है जो उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और अनुसंधान के लिए प्रसिद्ध है। हम विद्यार्थियों को उनके कैरियर में सफल होने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। स्कूल की पहल उल्लेखनीय है और सभी ने इसकी सराहना की।