शेख हसीना ने बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। वह बांग्लादेश छोड़कर फिलहाल भारत आ गई हैं और उनके लंदन रवाना होने की संभावना है। इस बीच बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को भी डर सता रहा है।
बांग्लादेश में जारी हिंसक प्रदर्शन के कारण अब देश के अल्पसंख्यकों में भी डर बैठ गया है। कई हिंदू मंदिरों में नुकसान की घटनाएं भी सामने आई हैं जिस कारण समुदाय चिंता में है। इस बीच बांग्लादेश की सेना की ओर से हिंदू अल्पसंख्यकों, मंदिरों और अन्य अल्पसंख्यकों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। अल्पसंख्यकों को निर्देश दिया गया है कि देशभर में वे अगर किसी भी हमले या किसी प्रकार के खतरे में हैं तो इन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं।
4 हिंदू मंदिरों को नुकसान
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में सोमवार को उपद्रवी भीड़ ने भारतीय सांस्कृतिक केंद्र में तोड़फोड़ की है। इसके अलावा देशभर में चार हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाया गया है। प्रत्यक्षदर्शियों और समुदाय के नेताओं ने इस बात की जानकारी दी है। बता दें कि बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हालात बेकाबू हैं। उपद्रवियों की भीड़ ने प्रधानमंत्री आवास को भी लूट लिया है।
सेना ने जारी किया हेल्पलाइन
दिनाजपुर,लेफ्टिनेंट कर्नल रौशनुल इस्लाम
01769682454
पाकिस्तान के विरुद्ध मुक्ति संग्राम के समय बांग्लादेश को दिया गया भारत का समर्थन बहुत महत्वपूर्ण था। हालांकि, समय के साथ इस सीमा ने भारत के लिए कई चुनौतियां पेश करनी शुरू कर दीं। ऐसे में यह जानना बहुत महत्वपूर्ण है कि इस सीमा से भारत को कितना खतरा है।
पांच राज्यों से गुजरती है सीमा
भारत और बांग्लादेश के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा की लंबाई 4096.70 किलोमीटर है, जो भारत के पांच राज्यों बंगाल (2216.70 किमी), असम (263 किमी), मेघालय (443 किमी), त्रिपुरा (856 किमी) और मिजोरम (318 किमी) से सीधे जुड़ी है। इस पूरे क्षेत्र में मैदानी, जल, पहाड़ी और जंगली क्षेत्र का विशाल भूभाग है और इसकी जनसंख्या भी काफी अधिक है।
1986 में शुरू हुआ बाड़ लगाने का काम
इस सीमा पर मौजूद आतंकी, तस्करी, घुसपैठ और अपराध जैसे विभिन्न खतरों को देखते हुए भारत सरकार ने वर्ष 1986 में इस पर बाड़ लगाने का काम शुरू किया था। हालांकि, काफी प्रयासों के बाद मार्च 2023 तक कुल 4096 किलोमीटर में से 3180.65 किलोमीटर लंबाई पर बाड़ लगाई जा चुकी थी। भारत सरकार का लक्ष्य मार्च 2024 तक बची हुई 915.35 किलोमीटर पर सीमा पर बाड़ लगाना था, जो पूरा होना बाकी है।
सीमा से खतरे की स्थिति
बांग्लादेश की सीमा से भारत के ऊपर हमेशा से कई तरह के खतरे मंडराते रहे हैं। इनमें आतंकवादी गतिविधियां, भारत में घुसपैठ, अवैध प्रवासियों का प्रवेश, मानव और मादक द्रव्यों की तस्करी, तस्करी समेत कई तरह के अपराध शामिल हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2020 से मार्च 2024 तक सीमा सुरक्षा बलों द्वारा करीब 8500 करोड़ रुपये मू्ल्य की वस्तुएं अकेले भारत-बांग्लादेश सीमा से जब्त की गई थीं।
क्या हैं महत्वपूर्ण मुद्दे?
बांग्लादेश सीमा से भारत को बांग्लादेशी नागरिकों का अवैध रूप से प्रवेश रोकना, सीमा पर मजबूत बाड़ का संपूर्ण निर्माण और इसकी सतत सुरक्षा-निगरानी करना जरूरी है। इसके साथ ही सीमा पार से आतंकवाद, जाली भारतीय मुद्रा और पशु तस्करी समेत अन्य अपराध को रोकना सुरक्षा के लिए बहुत आवश्यक है। वहीं, गंगा, ब्रह्मपुत्र समेत अन्य नदियों के जल की साझा प्रबंधन की समस्याओं जैसे जल विवाद भी परेशानी का कारण बने रहते हैं।
भारतीय प्रदेशों में बढ़ती समस्याएं
इसमें कोई दो राय नहीं है कि सीमा से लगे भारतीय राज्यों में अवैध प्रवासियों के कारण स्थानीय सुरक्षा की समस्याएं बढ़ती आई हैं। इससे राज्यों की जनसंख्या पर दबाव बढ़ने के साथ ही संसाधनों की कमी जैसे सामाजिक दबाव भी देखने को मिले हैं।
ताजा जोखिम
सोमवार को बांग्लादेश में हुए तख्तापलट ने वहां राजनीतिक अस्थिरता पैदा कर दी है। इसके परिणामस्वरूप सीमा पर सुरक्षा में कमी की आशंका बढ़ गई है। अराजक तत्वों के साथ ही आतंकवादी और अपराधी सीमा पार करके अपने नापाक मंसूबों को पूरा करने की जुगत में लग सकते हैं और आतंकवादी गतिविधियां भी बढ़ सकती हैं। इसके साथ ही वहां के नागरिकों में भय से उनके पलायन का भी खतरा बढ़ा है जो सीमाई क्षेत्रों में विवाद और मानवीय समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।
भारत की ओर से सीमा सुरक्षा की तैयारी
ताजा घटनाक्रम के बाद इस सीमा पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के कार्यवाहक महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी कोलकाता पहुंच कर पड़ोसी देश की स्थिति पर करीब से नजर रखे हैं। सीमा पर जवानों की तैनाती बढ़ाई गई है और सभी कर्मियों के अवकाश रद करने के साथ ही उन्हें सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है।
इसके अलावा भारत सीमा पर बाड़ लगाने, तेज रोशनी की व्यवस्था, नौकाओं और तैरती सीमा चौकियों का प्रयोग, हैंड हेल्ड थर्मल इमेजर, नाइट विजन डिवाइस, ट्विन टेलीस्कोप, मानव रहित हवाई वाहन जैसे उन्नत प्रौद्योगिकी उपकरणों का उपयोग करके सीमा पर सुरक्षा को बढ़ाने में जुटा हुआ है। बांग्लादेश सीमा पर अब तक बनी बाड़ के कुछ हिस्सों की स्थिति कमजोर होने के साथ इनकी मरम्मत की आवश्यकता है। जबकि सीमा के क्षेत्रों में गहन निगरानी के साथ त्वरित प्रतिक्रिया में कमी भी बड़ी खामी बनी हुई है। इस सीमा पर स्थानीय प्रशासन के साथ ही सुरक्षा बलों के बीच समन्वय की कमी भी बड़ी भूमिका निभाती है।