

इसे अस्पतालों में मरीजों की भीड़ का असर कह लें या इलाज में मरीजों की सुरक्षा से खिलवाड़, लेकिन एक बात सच है कि मरीजों की पर्ची लिखने में लापरवाही बरती जाती है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) की पहल पर 13 अस्पतालों में किए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचने वाले 44.87 प्रतिशत मरीजों की पर्ची लिखने में दिशा निर्देशों का पालन नहीं किया जाता या फिर वह आधी अधूरी होती हैं।

डॉक्टर के पर्चे की राइटिंग हम सबने देखी है. प्रिस्क्रिप्शन लेटर पर लिखी दवाओं और जांचों के नाम मेडिकल स्टोर और पैथलॉजी वाले ही समझ सकते हैं. मगर मध्य प्रदेश में इससे भी बढ़कर आगे का मामला सामने आया है. डॉक्टर ने प्रिस्क्रिप्शन पर कुछ ऐसा लिखा कि उसे समझ पाना हर किसी के बस की बात नहीं. अब इसको लेकर डॉक्टर को नोटिस जारी किया गया है।

प्रदेश के सतना में दवा का एक पर्चा सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद चर्चा में है. यह पर्चा नागौद सामुदायिक स्वास्थ केंद्र की ओपीडी का है. दरअसल, जिले के राहिकवारा निवासी अरविंद कुमार सेन शरीर में दर्द और बुखार की शिकायत लेकर सामुदायिक स्वास्थ केंद्र पहुंचे थे।
मरीज ने ओपीडी में ड्यूटी डॉक्टर से परामर्श लिया. जिस पर डॉक्टर ने ऐसा पर्चा लिख दिया जिससे देख न सिर्फ मेडिकल स्टोर वाला हैरान हो गया, बल्कि दूसरे डॉक्टर भी उस प्रिस्क्रिप्शन को पढ़ नहीं पाए। फिर यह पर्चा सोशल मीडिया की सुर्खियां बन गया. इस पूरे मामले पर अब सतना सीएमएचओ ने संज्ञान लिया है. साथ ही सामुदायिक स्वास्थ केंद्र के ड्यूटी डॉक्टर को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।
