आस्था और अंधविश्वास में अंतर न जाना सख्श: कुलदेवी प्रकट नहीं होने पर चढ़ा दी खुद की बलि, कैंची से काटा गला,सामने आई बड़ी वजह…

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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आस्था पर अंधविश्वास उस वक्त भारी पड़ गया, जब एक शख्स ने अपनी कुलदेवी को खुश करने के लिए खुद की बलि चढ़ा दी। इससे पहले उसने बकरा भी कटवाया था। पूरी खबर में जानते हैं सख्श के साथ क्या-क्या हुआ।

रायपुर के धरसींवा थाना क्षेत्र से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। गांव के एक शख्स भुनेश्वर यादव ने घर पर देवी जवारा स्थापित कर पूजा पाठ कर अपने सिर की बलि चढ़ा दी। साल 2022 में शख्स नवरात्र के दौरन देवी ज्योत-जंवारा स्थापित कर पूजा पाठ किया। अपनी कुलदेवी को खुश करने के लिए उसने एक बकरा भी कटवाया। इस बार शख्स ने खुद की बलि चढ़ा दी। पूरा मामला तिल्दा ब्लॉक के ग्राम पंचायत निनवा का है। इस घटना के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई है।

भुनेश्वर यादव ने घटना को उस वक्त अंजाम दिया, जब घर के सदस्य काम से बाहर चले गए थे। घर में पत्नी के अलावा दो बेटे और बहू भी साथ रहते थे। बेटे राजमिस्त्री हैं। पत्नी और दोनों बहुएं भी काम करती हैं। घटना शनिवार की है। अकेले में 55 वर्षीय भुनेश्वर यादव अपनी कुलदेवी की भक्ति में खुद की बलि चढ़ा दी। पूजा-अर्चना कर कैंची से खुद की गला काट लिया। घटना के बाद देवस्थान वाला कमरा खून से लथपथ हो गया।

अंतिम समय में पत्नी से इशारों में किया बात
घर के सदस्य जब काम खत्म कर घर आये, तब घर का मंजर देखकर सहम सा गए। पूरा कमरा खून से लथपथ, गला कटा हुआ और हाथ में कैंची। इस मंजर को देखकर चींखे निकल गई। भुनेश्वर यादव की पत्नी ने अंतिम सांस लेते हुए उसे देखी। तड़पते हुए वह एक पल अपनी पत्नी को देखता, फिर देवी की ओर। ऐसा प्रतीत हो रहा था वह कुछ बताने की कोशिश कर रहा हो।

हॉस्पिटल पहुंचने से पहले तोडा दम
घटना की जानकारी मिलते ही गांव के लोगों की भीड़ लग गई। उन्हीं में से एक ने एंबुलेंस बुलवाया। एंबुलेंस में चढ़ते वक्त उसने दम तोड़ दिया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। पंचनामा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। दूसरी ओर गांव वालों का कहना है कि भुनेश्वर यादव की दिमागी हालत बीते कुछ समय ठीक नहीं था। घटना दिनांक को उसने दुकान से पूजन सामग्री समेत कुछ और चीजें ली थी।