
आखिर कैसे बीजेपी ने बाजी पलटी और तीसरी बार सरकार में वापसी की वरिष्ठ पत्रकार हितेष शर्मा के इस लेख से समझिए ….हरियाणा चुनाव की उत्सुकता सभी को थी एक्जिट पोल पूर्ण बहुमत से 10 साल बाद कोंग्रेस का वनवास खत्म कर रहे थे लेकिन मैं कुछ आंकड़े पेश कर रहा हूं जरा नजरे इनायत कीजिए….हरियाणा में चुनाव आयोग के मुताबिक 67.90% मतदान हुआ तो वही 2019 में 68.20% मतदान हुआ था यानी आंकड़ो के इशारों में समझिए सरकार के खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी नहीं थी मतलब बीजेपी की सरकार रिपीट हो रही है ये आंकड़ो से समझ आ गया था..लेकिन हरियाणा के इतिहास में मतदान घटने-बढ़ने से सरकारें बदलने का वैसे कोई स्थाई और पक्का ट्रेंड नहीं रहा है पिछले 12 चुनाव के परिणामों का विश्लेषण करें तो जब 7 बार मतदान बढ़ा तो 5 बार सरकार बदली.. वहीं जब 5 बार मतदान प्रतिशत घटा तो फिर भी 4 बार सरकार बदल गई कांग्रेस की हरियाणा में 2 बार मतदान कम होने के बावजूद सरकार बन चुकी है भाजपा को एक बार मतदान बढ़ने तो एक बार घटने पर सत्ता मिली चुकी है…सत्ता आई कैसे और कोंग्रेस कहां चुक गई अब ये समझिए बीजेपी ने 9 साल तक मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाए रखने के बाद केंद्र में मंत्री बनाकर भेज दिया और सांसद नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाकर नया संदेश दे दिया लेकिन हरियाणा में कांग्रेस की गुटबाजी का इलाज नहीं ढूंढ़ सके हुड्डा के लिए ये विधानसभा चुनाव एक बहुत बड़ा अवसर था जो गवां दिया गया।

2024 के लोकसभा चुनाव में 10 सीटों वाली भाजपा 5 सीटों पर सिमट गई थी किसान आंदोलन और खिलाड़ी आंदोलन के कारण बीजेपी के खिलाफ हवा बनी लेकिन फोगाट और पुनिया को कोंग्रेस प्रवेश कराते ही बीजेपी फाइट में आ गई.. हरियाणा कांग्रेस गुटबाजी में निपट गई … पार्टी चार ध्रुव में बटी है इसके अलावा प्रदेश प्रभारी का भी अपना अलग ध्रुव है जिसके कारण कांग्रेस को हरियाणा में नुकसान हुआ हरियाणा कोंग्रेस सिर्फ जाट वोट बैंक के चक्कर मे रह गई और बीजेपी ने गैर जाट का दांव खेलकर बाजी मार ली..बीजेपी ने सही समय पर नेतृत्व परिवर्तन कर सारी एंटी इनकंबेंसी को खत्म कर दिया था हरियाणा के ग्रास रूट लोगों से जब मेरी बातचीत हुई तो पता चला कि बीजेपी ने हरियाणा की नब्ज पकड़ ली राज्य की सभी 24 फसलों पर एमएसपी की घोषणा कर दी तो महिलाओं के खाते में लाडो लक्ष्मी योजना और पूरा गेम चेंज..इसके अलावा हरियाणा चुनाव के लिए बीजेपी ने इस बार नया ट्रेंड अपनाया हरियाणा में बड़ी रैली महज 4 ही आयोजित हुई ,माइक्रो लेवल पर छोटी छोटी सभाए कर खाप लेवल पर लोगो से वन टू वन संवाद किए गए बड़े से बड़े मंत्री और नेताओ ने भी गली मोहल्ले की छोटी सभाएं ही की हरियाणा बीजेपी के लिए नाक का सवाल था बीजेपी ने हर हाल में तीसरी बार भी हरियाणा फतह करने की रणनीति भी बनाई इसी के तहत लोकसभा चुनाव से सबक लेते हुए बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में नए चेहरो पर दांव लगाकर बीजेपी ने हैट्रिक लगा ली..मूल्यांकन कर्ता -हितेष शर्मा छत्तीसगढ़ में ZEE NEWS के संवाददाता है और छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार भी है…
