चक्रवाती तूफान ‘दाना’ तेजी से बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ रहा है, और इसके ओडिशा पर गंभीर प्रभाव की आशंका है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, ओडिशा सरकार ने सभी आवश्यक तैयारियां की हैं।
राज्य सरकार ने दो प्रमुख तीर्थ स्थलों, जगन्नाथ मंदिर और कोणार्क टेंपल, को श्रद्धालुओं के लिए बंद करने का निर्णय लिया है। यह आदेश 25अक्टूबर तक प्रभावी रहेगा। स्थिति की समीक्षा के बाद, सरकार इन मंदिरों को फिर से खोलने पर निर्णय लेगी।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा प्राथमिकता
जगन्नाथ मंदिर और कोणार्क टेंपल विश्व स्तर पर प्रसिद्ध हैं और यहां हर दिन हजारों तीर्थ यात्री आते हैं। भीड़ को संभालने के लिए प्रशासन को बड़े पैमाने पर व्यवस्थाएं करनी होती हैं। तूफान के संभावित प्रभाव को देखते हुए, श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इन मंदिरों को पहले ही बंद करने का कदम उठाया गया है। मंदिरों के अलावा राज्य के संग्रहालय भी बंद किए गए हैं।
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, ‘दाना’ 24अक्टूबर को गंभीर चक्रवाती तूफान में परिवर्तित हो जाएगा। यह 25अक्टूबर की सुबह 100-110किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों पर लैंडफॉल करेगा। इस दौरान हवाओं की गति 120किमी प्रति घंटे तक पहुंचने की संभावना है।
समुद्र में मछुआरों के लिए अलर्ट जारी
तूफान की चेतावनी के चलते, पुरी में मौसम विभाग ने मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की सलाह दी है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। लोगों को समुद्र से दूर सुरक्षित रखा जा रहा है।
इस बीच, रेलवे प्रशासन भी सक्रिय है। ओडिशा और बंगाल रूट की दर्जनों ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। दक्षिण 24 परगना में प्रशासनिक अधिकारियों की एक बैठक भी हुई है, ताकि तूफान की स्थिति से प्रभावी तरीके से निपटा जा सके। आपात स्थिति के लिए सरकार ने सैकड़ों टन अनाज और खाद्य सामग्री ओडिशा भेजी है, ताकि जरूरतमंदों की सहायता की जा सके।
ओडिशा, बंगाल रूट की दर्जनों ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं. दक्षिण 24 परगना में भी साइक्लोन डाना को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक हुई है. आपात स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने सैकड़ों टन अनाज और खाने के सामान को ओडिशा भेजा है।