भिलाई निगम में नियम शर्तो को ताक पर रख करोड़ों की हुई खरीदी का आरोप,पूर्व पार्षद ने आयुक्त से की शिकायत,जानें क्या है पूरा मामला

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भिलाई नगर निगम स्वास्थ्य विभाग द्वारा 15वें वित् आयोग के तहत विभिन्न कार्यो के तहत सामग्री की खरीदी हेतु स्वीकृति उपरांत सामग्री क्रय करने हेतु Gem से निविदा बुलाई गयी है। भिलाई निगम के पूर्व पार्षद ललित मोहन ने भिलाई निगम आयुक्त से जांच कर दोषियों पर कार्यवाही करने की मांग की उन्होंने कहा कि इन अलग अलग निविदाओं प्रवित्ति की सामग्री क्रय हेतु समस्त निविदाओं में एक ही प्रकार की 28 कंडिकाओं की नियम एवं शर्ते लागु की गयी है अर्थात डीजल से चलने वाली ट्रक, बैटरी से चलने वाली रिक्शा, पैडल से चलने वाली रिक्शा और हाथ से खींचने वाली कचरा गाड़ी की खरीदी करने के लिए एक समान नियम और शर्ते, जबकि सभी क्रय किये जाने वाली सामग्री की निविदाओं प्रवित्ति अलग अलग है, अत इनके नियम और शर्ते भी अलग अलग होनी थी किन्तु आर्थिक भर्ष्टाचार की नियत से सभी क्रय किये जाने वाले सामग्री के लिए निविदाओं आधार अलग अलग नियम एवं शर्ते लागु करने के बजाये किसी व्यक्ति विशेष व स्वेम को आर्थिक लाभ पहुंचने के लिए सभी कार्यो के लिए एक ही प्रकार की नियम शर्ते को लागु किया गया है।

इन शर्तों में से कुछ को छोड़ कर बाकि सब गैर वाजिब, शासन के नियम विरुद्ध, गैर जरूरी एवं किसी व्यक्ति विशेष को लाभ देने के लिए कंडिकाओं को जोड़ा गया है जैसे कंडिका क्रमांक 2 जिसमे निविदाकार के पास टोल फ्री नंबर होना चाहिए अन्यथा निविदा में भाग नहीं लिया जा सकता अर्थात कोई मल्टी नेशनल कंपनी जिसके पास टोल फ्री हो वो निविदा में भाग ले सकती है, कंडिका क्रमांक 17 से लेके 22 तक में विभिन्न प्रकार के ऐसे सर्टिफिकेट की मांग की गयी है जिसमे कई सर्टिफिकेट का इस कार्य से लेना देना ही नहीं है, कंडिका क्रमांक 3 में लिखा है की निविदाकार को निर्माता या अधिकृत विक्रेता होना अनिवार्य है, अधिकृत विक्रेता को निर्माता का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है। ये समस्त नियम शर्ते किसी व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचने एवं छत्तीसगढ शासन के भंडार क्रय नियम (जिसके तहत पुरे प्रदेश में खरीदी की जाती है ) को ही दरकिनार करते हुए ये शर्ते लगायी गयी है अर्थात भंडार क्रय नियम का मूल उदेश एवं स्थापना इसलिए ही की गयी थी की छत्तीसगढ प्रदेश के लघु इकाई निर्मात्री संसथान को बढ़वा मिले एवं प्रदेश की समस्त निविदा में छत्तीसगढ राज्य के निर्माता को प्राथमिकता मिले परन्तु भिलाई नगर निगम के अधिकारियो ने शासन के ही बनाए नियम की धज्जिया उड़ा दी, नियम एवं शर्ते में ये लिखना आवश्यक था की छत्तीसगढ राज्य की निर्माता संसथान को ही इस निविदा में भाग लेने दिया जायेगा, gem का नियम भी यही बोलता है, परन्तु अपने चाहते को काम दिलवाने के लिए शासन के नियम को दरकिनार करते हुए भर्ष्टाचार का खेल खेला जा रहा है। इन् सब कार्यो के लिए छत्तीसगढ प्रदेश में 15 से ऊपर निर्माता पहले से ही उपलब्ध है परन्तु ऐसे उल्ल फिजूल नियम और शर्ते लगा कर प्रायोजित तोर पे राज्य की लघु इकाईयो को निविदा में भाग लेने से वंचित किया जा रहा है। चूँकि ये केंद्र शासन का पैसा है और इन् कार्यो की स्वीकृति सूडा द्वारा दी गयी है तो नियम और शर्ते की स्वीकृति भी राज्य शासन से लेनी थी परन्तु निगम द्वारा ऐसा न करते हुए अपने मन मुताबिक नियम और शर्ते लगा दी और तो और मत्र 20 दिन की समय सीमा में निविदा बुलाई जा रही है।


15वे वित् आयोग के तहत कुम्हरी नगर पालिका ने भी विभिन्न सामग्रियों के लिए निविदा gem के माध्यम से निकली थी परन्तु उसमे मात्र 6 कंडिकाओं की मांग की गयी थी जैसे ळैज् सर्टिफिकेट, पैन कार्ड अदि ताकि पालिका को सही दर पर सामग्री प्राप्त हो सके, परन्तु इसके विपरीत भिलाई नगर निगम द्वारा इतनी सारी बेफजूल की नियम एवं शर्ते लागु की गयी है।
माननिये मोहदय से निवेदन है की इसकी सूक्ष्म जाँच की जाये एवं दोषी होने पर संभंधित अधिकारियो पर कारवाही की जाये एवं नियम और शर्तो का सरलीकरण किया जाये ताकि निगम को उच्य गुणवक्ता वाली सामग्री उचित दर पर प्राप्त हो सके एवं पूर्व के समस्त कार्यो की भी जाँच की जाये की ऐसे बेफिजूल के ऐसे नियम और शर्ते लगा के शासन को चुना लगाया गया और लगाया जा रहा है ।