भिलाई के कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को बहुचर्चित बलौदाबाजार हिंसा मामले में मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. इस कड़ी में 14 नवंबर तक विधायक देवेंद्र की रिमांड की अवधि बढ़ा दी गई है. सुत्रों के मुताबिक देवेंद्र यादव को आज यानी सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया था. इस बीच चालान पेश करने के लिए पुलिस ने कोर्ट से और समय की मांग की है.
रिमांड की अवधि बढ़ाने के आदेश :
ऐसे में विधायक के वकील अनादी शंकर मिश्रा ने इस पर आपत्ति दर्ज की है. लेकिन माननीय जज ने पुलिस की मांग मानते हुए देवेंद्र यादव के रिमांड की अवधि को 3 दिन और बढ़ाने के आदेश को जारी कर दिया है. जानकारी के मुताबिक अब उन पर 14 नवंबर को अभियोग पत्र पुलिस के द्वारा पेश किया जाएगा. बता दें कि 17 अगस्त को भिलाई से देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी हुई थी. हालांकि इसके बाद वह रायपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं।
17 अगस्त से है जेल में बंद
देवेंद्र यादव की 17 अगस्त को भिलाई से गिरफ्तारी हुई थी। इसके बाद से लगातार न्यायिक रिमांड बढ़ रही है। वे रायपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं। पुलिस का तर्क है कि, विधायक का मोबाइल जमा नहीं होने के चलते केस के प्रोग्रेस में देरी हो रही है। जिस पर देवेंद्र के वकील ने कहा कि, मोबाइल जमा कर दिया गया था। डीवीआर कॉपी करने के बाद पुलिस ने वापस लौटाया।
देवेंद्र पर भीड़ को उकसाने का आरोप
विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी बलौदाबाजार हिंसा मामले में हुई है। उन पर हिंसा भड़काने का आरोप है। इस मामले में बलौदाबाजार पुलिस ने 4 बार नोटिस जारी किया, लेकिन विधायक ने बयान देने जाने से मना कर दिया था। उन्होंने कहा था कि पुलिस को बयान लेना है, तो उनके पास और लेकर जाए। हालांकि पूछताछ के लिए तीसरा नोटिस मिलने पर देवेंद्र यादव ने बलौदाबाजार जाकर पुलिस अधीक्षक से मुलाकात भी की थी।
पुलिस के पास हैं पर्याप्त सबूत और गवाह
वहीं, बलौदाबाजार पुलिस के एक उच्चाधिकारी की माने तो पुलिस के पास विधायक देवेंद्र यादव के खिलाफ गवाह हैं और कुछ लोगों के बयान हैं। इसके अलावा पुलिस के पास कुछ वीडियो भी हैं। जिसको आधार बनाकर उन पर कार्रवाई की जा रही है।
3 मामलों की एक साथ चल रही है जांच
देवेंद्र यादव के खिलाफ बलौदाबाजार हिंसा का पहला मामला जांच में नहीं है, उनके खिलाफ कोयला घोटाला और कथित MMS मामले की भी जांच चल रही है। कुछ दिन पहले भिलाई नगर पुलिस ने भी उन्हें नोटिस जारी कर फोटो वीडियो के लिए थाने बुलाया था। देवेंद्र वहां भी दोबारा बयान दर्ज कराने नहीं गए। उन्होंने कहा कि, वह थाने जाकर अपना बयान एक बार दे दिए हैं। लिखित में भी दिया है कि, जांच में जो भी आगे पूछताछ या जानकारी चाहिए, उनके कार्यालय में आकर ले लें।