नन्हे मुन्ने बच्चों को पढ़ाने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के द्वारा बाल दिवस के दिन सात सूत्रीय मांगों को लेकर माननीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी के नाम सौपे ज्ञापन l
दल्ली राजहरा में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा आज प्रमुख श्रमिक संगठन हिंदुस्तान स्टील इंप्लाइज यूनियन (सीटू ) के बैनर तले अपने 7 सूत्रीय मांगों को लेकर चिखलकसा स्थित महिला एवं बाल विकास विभाग में पहुंचकर माननीय श्रीमती अन्नपूर्णा देवी केंद्रीय मंत्री महिला एवं बाल विकास विभाग भारत सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा है l
एकीकृत बाल विकास सेवा ( ICDS ) योजना जिसे अब सक्षम आंगनबाड़ी एवं और पोषण 2.0 कहा जाता है l 2025 में 50 साल पूरे करने जा रहा है l पांच दशक के समर्पित कार्य के बाद भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को अभी भी सरकारी श्रमिकों के रूप में मान्यता नहीं दी गई है l आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका मामूली से वेतन से परिवार का जीवनयापन चलाने को मजबूर हैं l जो की सरकार द्वारा परिभाषित वैधानिक न्यूनतम मजदूरी के पांचवें हिस्से से भी कम है l
जबकि गुजरात के माननीय उच्च न्यायालय ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिका को तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में नियमित करने के लिए ( एक आदेश 2 अगस्त 2024 को और 30 अक्टूबर 2024 को अपलोड किया है ) दिया है l तथा इस आदेश को 6 महीने के भीतर लागू करने के लिए और इसके लंबित रहने तक न्यूनतम वेतन का भुगतान करने के लिए कहा है l आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा की जा रही निस्वार्थ सेवा को सम्मान करने के लिए सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिका को अन्य सरकारी विभागों की तरह नियमितीकरण का लाभ दिया जाए तथा ग्रेजुएटी , पेंशन जैसे लाभ भी दिया जाए l
इसके अलावा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को समय से वेतन, किराया, टीए/डीए, वर्दी, आंगनबाड़ी कैद्रों में सुविधाओं के लिए राशि आदि का समय से न मिलना, गैर-आईसीडीएस अतिरिक्त काम जैसी विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है। डिजिटलीकरण के नाम पर कार्यकर्ताओं को धमकी और उत्पीड़न जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। आधार लिंकिंग और ई केवाईसी के नाम पर लाभुकों को अवैध तरीके से बाहर करने की धमकी दी जा रही है।
14 नवंबर 2024, बाल दिवस के अवसर पर, हम भारत सरकार से मांग करते हैं कि
1. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के नियमितीकरण पर गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश और ग्रेच्युटी देने के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को तुरंत लागू करें।
2. छह साल से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा का अधिकार (ईसीसीई) सुनिश्चित करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों को नोडल एजेंसियों के रूप में सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाएं। एनईपी 2020 को वापस लें।
3. सभी महिलाओं के लिए सभी प्रसवों के लिए बढ़ी हुई राशि के साथ मातृत्व लाभ का अधिकार सुनिश्चित किया जाए।
4.आंगनबाड़ी में रिक्त पदों पर भर्ती की जाए।
5. 45वें और 46 वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिशों को लागू करने के लिए तत्काल उपाय करें और उन्हें न्यूनतम वेतन @26,000 रुपये प्रति माह, दे l
7. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के ट्रेड यूनियन अधिकारों को मान्यता दें। लेबर कोड वापस ले ।
हिंदुस्तान स्टील इंप्लाइज यूनियन (सीटू ) की ओर से कामरेड विनोद मिश्रा उपस्थित थे l उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं द्वारा की जा रही है मांग जायज है l केंद्र एवं राज्य सरकार इनके द्वारा की जा रही सेवाओं को ध्यान में रखते हुए सरकारी कर्मचारियों की तहत वेतन देने में सहयोग करें ! मांगे न मानी जाने पर कार्यकर्ताओं के द्वारा यदि उग्र आंदोलन किया जाता है जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी!
ज्ञापन देने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका संघ के अध्यक्ष पदमा पटेल, सचिव सुनीता मंडावी ,रंभा पवार ,चंद्र किरण खरे , खिलेश्वरी. कुलेश्वरी मानिकपुरी , बीरम साहू ,गिरजा सिन्हा ,चंद्रिका चंद्राकर, निलेश्वरी धृतलहरे , यशोदा रामटेक , अनीता सलामें , सविता टेकाम पुष्पा तारम एवं संतोषी के अलावा अन्य सैकड़ो की संख्या में सदस्य उपस्थित थे।