जनपद सदस्य संजय बैस के सामने नतमस्तक हुए कुसुमकसा समिति प्रबंधक ! लेना पड़ा वापस 50% बारदाना लाने का फरमान।

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जनपद सदस्य संजय बैस के सामने नतमस्तक हुए कुसुमकसा समिति प्रबंधक ! लेना पड़ा वापस 50% बारदाना लाने का फरमान !

कुसुमकसा के समाजसेवी और जनपद सदस्य संजय बैस हमेशा अपने जनहित के मुद्दों को लेकर सक्रियता को लेकर चर्चा में रहे हैं। ताजा मामला कुसुमकसा सेवा सहकारी समिति का सामने आया है जहां पर प्रबंधन द्वारा यह फरमान जारी किया गया था कि समिति में बारदाने की कमी है तो प्रत्येक किसान को धान बेचने के लिए 50% बारदाना स्वयं लाना पड़ेगा। इसके लिए प्रति बारदाना किसानों को ₹25 देने की बात कही गई थी। इस आदेश का विरोध करते हुए जनपद सदस्य संजय बैस किसानों के साथ समिति पहुंचे और किसान हित के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया गया। अंततः विरोध को देखते हुए प्रबंधन को फैसला बदलना पड़ा और तय हुआ कि समिति प्रबंधन द्वारा ही बारदाने की व्यवस्था की जाएगी। ज्ञात हो कि सेवा सहकारी समिति कुसुमकसा से आदेश निकला था की किसान अपने ही बारदाने मे धान बेचेंगे। इस आदेश से किसान बहुत चिंतित थे। बारदाने की समस्या से किसानों को अपने धान बेचने की चिंता सताने लगी थी। इस विषय का समाधान करने किसानों के साथ जनपद सदस्य संजय बैस धान खरीदी केंद्र पहुंचे और अधिकारियों के साथ चर्चा किये। चर्चा में तहसीलदार श्री नायक, जनपद सीईओ श्री मंडाले, प्रबंधक भीखम साहू मौजूद रहे। अधिकारी और किसान के बीच मध्यस्थता करते हुए जनपद सदस्य संजय बैस ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा की किसान धान बेचेने के लिए बारदाने कहां से लाएंगे? पूरी व्यवस्था शासन से किया जाए। उच्च अधिकारियों से चर्चा उपरान्त किसानों के लिए पर्याप्त बोरी हम समिति में उपलब्ध कराएंगे और किसानों को बारदाने की दिक्क़त नहीं होगी। इस फैसले से किसानों के चेहरे पर रौनक लौटी और किसानों के द्वारा जनपद सदस्य का आभार व्यक्त किये। संजय बैस ने कहा की छतीसगढ़ ने विष्णु देव की सरकार है। किसानों को कोई भी समस्या नहीं होंगी हमेशा किसानों हित में फैसला लिया जाएगा। उनके द्वारा 21 क्विंटल 3100 रूपये लेकर हम सभी किसानों को आर्थिक रूप से मजबूती मिला है और मिलता रहेगा। इस अवसर पर हल्बा समाज के केंद्रीय अध्यक्ष देवेंद्र माहला, सरपंच शिव राम सिंन्द्रामे, गणेश शेवता भीखम भुआर्य बंशी रावटे प्रताप गोटा गुलशन कोठारी संतोष जैन पुष्पजीत बैस पोषण धनकर दीपक यादव के साथ सैकड़ो किसान मौजूद रहे।