भारती विश्वविद्यालय में संविधान दिवस पर आयोजन
दुर्ग, भारती विश्वविद्यालय, दुर्ग में दिनांक 26 नवंबर 2024 को संविधान दिवस के पर्व पर एक दिवसीय कार्यशाला में व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। व्याख्यान माला में सर्वप्रथम डॉ. टी. आर. डेहरे सेवानिवृत्त प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय उदयपुर तथा विजिटिंग प्रोफेसर, भूगोल विभाग ने अपने उद्बोधन में संविधान अंगीकरण के पश्चात बदलते भौगोलिक परिदृश्य में संविधान की अस्मिता एवं गौरव को अक्षुण्ण बनाए रखते हुए, सतत विकास को आगे बढ़ाना, वर्तमान भारतीय समाज के समक्ष एक बड़ी चुनौती बताया। डॉ. अरविंद शुक्ला सेवानिवृत्त प्राचार्य, ओ पी शर्मा महाविद्यालय, डबरा, चंद्रपुर तथा विजिटिंग प्रोफेसर राजनीति विज्ञान विभाग ने अपने उद्बोधन में संविधान की उद्देशिका की व्याख्या करते हुए संविधान का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने में ही संविधान की सफलता एवं उपादेयता बताया। डॉ. आर. पी. अग्रवाल, सेवानिवृत्त प्राचार्य कल्याण स्नाकोत्तर महाविद्यालय भिलाई नगर तथा तथा राष्ट्रीय सेवा योजना संयोजक, हेमचंद विश्वविद्यालय, दुर्ग द्वारा विद्यार्थियों को नैतिक विकास तथा भारत की गौरवशाली एवं उन्नत आध्यात्मिक व धार्मिक संपदा को आत्मसात करते हुए देश की प्रगति में अपनी भूमिका का निर्वहन करने हेतु आवाहन किया।
डॉ. आलोक भट्ट, अकादमिक अध्यक्ष ने विद्यार्थियों को संविधान का अक्षरशः पालन करते हुए इसे मजबूत बनाने, विद्यार्थियों को प्रेरित किया। डॉ. आर. एन सिंह, प्रति-कुलपति द्वारा विद्यार्थियों को संविधान में उल्लेखित मौलिक कर्तव्यों का पालन करते हुए पूर्ण निष्ठा एवं समर्पण से संविधान का पालन करने की सीख दी, ताकि वे राष्ट्र के बहुमूल्य मानव संसाधन के रूप में अपना विकास करें। प्राध्यापकों के अतिरिक्त विद्यार्थीगण, अंकित राम, पवन सिंह राजपुरोहित, अनिरुद्ध पचकावडे आदि ने संविधान की महत्ता पर प्रकाश डाला। अंत में राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी एवं गोदग्राम समन्वयक डॉ. स्नेह कुमार मेश्राम द्वारा संविधान की उद्देशिका की शपथ सभा को दिलाई गई। आयोजन में प्राध्यापकगण आस्था चतुवेर्दी, सम्पदा बैस, डॉ.निमिषा मिश्रा, श्वेता सिंह, निशा पटेल, डॉ.नीना सिंह, श्वेता कुमारी, डॉ. भूमिका मिश्रा, डॉ. निशा गोस्वामी, डॉ. कृष्णदत्त त्रिपाठी, डॉ. अजय सिंह, रॉलीक दास, अखिलेश सेन आदि सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी सम्मिलित हुए। कार्यक्रम का आयोजन विधि संकाय तथा राष्ट्रीय सेवा योजना ईकाई के संयुक्त तत्वाधान में संपन्न हुआ।