सुप्रीम कोर्ट ने संभल जिले में स्थित जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर विवाद मामले में अहम निर्देश दिए हैं। निचली अदालत के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने प्रशासन को शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं। साथ ही निचली अदालत को फिलहाल मामले में कोई कार्रवाई नहीं करने को कहा है।
संभल जिले स्थित जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर विवाद मामले में मस्जिद पक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। निचली अदालत के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने सख्त टिप्पणियां की हैं।
उच्चतम न्यायलय ने जिला प्रशासन को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि वह यह सुनिश्चित करें कि संभल में शांति व्यवस्था बनी रहे, साथ ही निचली अदालत से भी कहा कि संबंधित मामले में फिलहाई कोई एक्शन न ले। मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी के बाद होगी।
शुक्रवार को संभल मामले में सुनवाई शुरू हुई तो मस्जिद कमेटी ने दलील देते हुए कहा कि सर्वे का आदेश उसी दिन आ गया जिस दिन आवेदन दायर किया गया था और यह दोनों की तारीख 19 नवंबर थी। यही नहीं सर्वे भी उसी दिन शाम 6 बजे से लेकर रात 8.30 बजे तक हुआ।
मस्जिद पक्ष ने कोर्ट के सामने कहा कि 23 नवंबर को जब हम कानूनी सलाह लेने की तैयारी कर रहे थे तभी उसी दिन आधीरात में पता चला कि सर्वे अगले दिन ही होगा। 24 नवंबर को सुबह 6.15 बजे सर्वे की टीम मस्जिद पहुंच गई और सुबह की नमाज के लिए जो नमाजी इकट्ठा थे उन्हें वहां से जाने के लिए कहा गया।
मस्जिद पक्ष की दलील के बाद उच्चतम न्यायलय ने निचली अदालत को निर्देशित किया वह इस मुकदमे में तब तक आगे न बढ़े, जब तक कि सर्वे के आदेश को चुनौती देने वाली मस्जिद समिति की याचिका हाईकोर्ट में सूचीबद्ध न हो जाए। इसके अलावा कोर्ट ने कमिश्नर की रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में रखने और इस दौरान उसे न खोलने का भी निर्देश दिया। साथ ही उत्तर प्रदेश प्रशासन को भी सख्त निर्देश दिए कि संभल में शांति और सद्भाव बने रहना चाहिए।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आप हाई कोर्ट क्यों नहीं गए, आपको नहीं लगता कि इस मामले में पहले हाईकोर्ट जाना उचित होता। उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि आप अपनी दलीलें उचित पीठ के सामने रखें।
चंदौसी कोर्ट में अगली सुनवाई की तारीख 8 जनवरी
संभल की शाही जामा मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट शुक्रवार को चंदौसी कोर्ट में पेश नहीं की जा सकी। अब मामले की अगली सुनवाई आठ जनवरी को होगी। बताया जा रहा है कि हिंसा की वजह से अभी तक रिपोर्ट तैयार नहीं हो सकी है। शाही जामा मस्जिद कमेटी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील शकील अहमद वसीम ने कहा, “हम मस्जिद की ओर से अदालत में पेश हुए और अनुरोध किया कि मामले से संबंधित दस्तावेजों की प्रतियां हमें दी जाएं और अदालत ने वही आदेश दिया। सर्वे रिपोर्ट आज जमा नहीं की गई। सर्वे टीम ने रिपोर्ट देने के लिए समय बढ़ाने की मांग की है। अब कोई अन्य सर्वे (मस्जिद का) नहीं होगा।”
सीलबंद होगी सर्वे रिपोर्ट- सुप्रीम कोर्ट
इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे रिपोर्ट को सीलबंद करने का आदेश दिया है. अब सर्वे रिपोर्ट सीलबंद ही निचली अदालत में पेश की जाएगी. इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष से पूछा है कि वह सुप्रीम कोर्ट जाने से पहले हाई कोर्ट क्यों नहीं गए? सुनवाई के दौरान CJI ने जिला प्रशासन से कहा कि जिला प्रशासन सौहार्द्र बना कर रखे और इस बात का ध्यान रखे कि वह पीस कमिटी की बैठक करवाएं।