सेवा ट्रस्ट के सामूहिक बीमा के संदर्भ में सीटू मिला प्रबंधन से
सेवा ट्रस्ट के सामूहिक बीमा के संदर्भ में जारी सर्कुलर को लेकर सीटू की टीम महाप्रबंधक (एच आर एवं सी एल सी) औद्योगिक संबंध विभाग से मिलकर मानव संसाधन विभाग के मुख्य महाप्रबंधक एवं कार्यपालक निदेशक के नाम पत्र देकर अविलंब दखल देने की मांग की I वर्तमान में प्रबंधन द्वारा जारी ई सहयोग में सेवा ट्रस्ट के तहत बीमा लेने या नहीं लेने के संदर्भ में कर्मियों से 15 दिसंबर 2024 तक सहमति मांगी जा रही है परन्तु इस हेतु प्रीमियम भुगतान कितना करना पड़ेगा एवं कितने राशि की बीमा हो रही है इसका कोई जिक्र नहीं है। यदि इस सर्कुलर में बीमा राशि एवं अनुमानित प्रीमियम राशि का उल्लेख किया होता तो कर्मियों को अपने स्पष्ट दृष्टिकोण के साथ निर्णय लेने में ज्यादा सरलता होती I सेवा ट्रस्ट के बीमा से संबंधित जारी सूचना के कारण कर्मियों में असमंजस की स्थिति निर्मित हो गई है कर्मी चर्चा कर रहे हैं कि बीमा लेने की स्थिति में प्रीमियम यदि दुगुना हो गया तो निर्णय गलत हो सकता है।
सर्वप्रथम तत्काल सेवा ट्रस्ट कमेटी को भंग किया जाए।
सीटू ने कहा कि 2011 में सेवा ट्रस्ट का चुनाव करवाया गया था उसके 5 साल के बाद पुनः चुनाव होना था किंतु उस चुनाव को नहीं करवाया गया तब से लेकर आज तक 2011 की टीम ही काम कर रही है जो वैधानिक नहीं है इसीलिए सीटू ने अविलंब इस ट्रस्ट कमेटी को भंग करने की मांग की एवं नई कमेटी गठित होते तक वैकल्पिक व्यवस्था के संदर्भ में भी सुझाव दिया
सेवा ट्रस्ट समिति गठन के संदर्भ में सीटू ने दिया था 9 मार्च 2023 को पत्र
सेवा ट्रस्ट के सदस्यों के संदर्भ में हिंदुस्तान स्टील एम्पलाइज यूनियन सीटू द्वारा HSEU/2023/15, दिनांक 09 मार्च 2023 को पत्र प्रेषित कर आग्रह किया था कि सेवा ट्रस्ट के विधान में सदस्यों को मनोनीत करने के संदर्भ में कुछ आवश्यक संशोधन किया जाए ताकि गुप्त मतदान द्वारा सदस्यता जांच के पश्चात सर्वाधिक वोट हासिल करने वाले मान्यता प्राप्त यूनियन द्वारा सदस्यों को मनोनीत किया जा सके, जिससे सेवा ट्रस्ट द्वारा संयंत्र में कार्यरत कर्मियों के प्रति जिम्मेदारी तय किया जा सकेगा। परंतु प्रबंधन द्वारा इस सम्बन्ध में कोई निर्णय नहीं लिया।
सीटू का स्पष्ट मानना है कि सेवा के विधान के अनुसार 5 साल में एक बार सेवा ट्रस्ट का चुनाव किया जाना है किंतु प्रबंधन सेवा ट्रस्ट का चुनाव कराने की स्थिति में नहीं है ऐसी स्थिति पर अध्ययन करने के बाद ही सीटू ने यह प्रस्ताव दिया था कि सेवा का चुनाव संभव नहीं होने की स्थिति में मान्यता प्राप्त यूनियन और आफिसर एसोसिएशन द्वारा नामित सदस्यों को लेकर सेवा ट्रस्ट का पुनर्गठन किया जाए
नई बीमा ट्रस्ट समिति गठित होते तक करें वैकल्पिक व्यवस्था
सीटू नेताओं ने कहा कि सेवा के काम को अनवरत चलते रहना है इसीलिए नया सेवा ट्रस्ट समिति गठित होते तक तत्काल सभी प्रतिनिधि यूनियनों और आफिसर एसोसिएशन से चर्चा कर वैकल्पिक व्यवस्था बनाकर सेवा का कार्य को संचालित किया जाए एवं बीमा के सम्बन्ध में चर्चा कर प्रीमियम राशि के संदर्भ में निर्णय लिया जाए। सेवा बीमा देने के लिए स्वीकृति दिए कर्मियों के वेतन से प्रीमियम की राशि कटौती के पहले कर्मियों को स्पष्ट रूप से अवगत कराया जाए कि बीमा राशि कितने की होगी एवं बीमा प्रीमियम लगभग कितना देना होगा।
सेवा बीमा पर सहमति देने की तिथि बढ़ाई जाए
सीटू ने कहा कि प्रबंधन सहमति अथवा असहमति लेने के लिए सूचना को जिस तरह से लोगों के बीच प्रसारित किया है उस तरह से हर कर्मी तक सेवा बीमा के संदर्भ में बात पहुंच पाना मुमकिन नहीं है इसीलिए कर्मी आज भी नहीं जान पाए हैं कि प्रबंधन ने ऐसी कोई सहमति कर्मियों से मांगा है ऐसी स्थिति में सहमति देने की तिथि को 15 दिसंबर से आगे बढ़ाया जाए ताकि हर कर्मी तक इस सूचना की जानकारी पहुंचे एवं कर्मी सेवा बीमा पर उचित निर्णय ले सके।