Mumbai Ferry tragedy: ‘ऐसी भयावह घटना पहले नहीं देखी,घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचे नाविकों ने बताई आंखोंदेखी,देखिए वीडियो

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मुंबई के तट पर एक नाव और नौसेना के जहाज के बीच हुई टक्कर के बाद घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचे नाविकों ने वहां का आंखोंदेखा हाल बताया। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी ऐसी भयानक घटना नहीं देखी। नौसेना ने बताया कि बुधवार को हुई इस घटना में 13 लोगों की मौत हो गई और 99 लोगों को बचा लिया गया। नौसेना का जहाज, जो इंजन परीक्षण से गुजर रहा था, नियंत्रण खो बैठा और एक यात्री नाव से टकरा गया। यह नाव गेटवे ऑफ इंडिया से एलीफेंटा द्वीप तक पर्यटकों को लेकर जा रही थी।

इस घटना में रायपुर से भाजपा नेता अमर गिदवानी, की पोती वीना गिदवानी और उसकी एक सहेली थी दोनों को सुरक्षित निकला गया,मुंबई पहुंच गए है।

मुंबई पोर्ट ट्रस्ट (एमबीपीटी) की पायलट नाव पूर्वा के चालक आरिफ बामाने ने कहा, ‘जब हम वहां पहुंचे, तो स्थिति बहुत ही दुखद और अराजक थी। लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे और कुछ रो रहे थे।’ उन्होंने कहा कि उन्होंने महिलाओं और बच्चों को बचाने को प्राथमिकता दी।

जवाहर द्वीप से मुंबई लौटते समय मिली दुर्घटना की जानकारी: बामाने
बामाने ने बताया कि एक मछली पकड़ने वाली ट्रॉलर और एक अन्य पर्यटक नाव पहले ही घटनास्थल पर पहुंच चुकी थी। उन्होंने कहा कि वे और उनकी टीम जवाहर द्वीप से मुंबई लौट रहे थे, तभी नियंत्रण कक्ष ने दुर्घटना की जानकारी दी। उन्हें जल्द से जल्द जेडी5 के पास घटनास्थल पर पहुंचने का निर्देश दिया गया।

उन्होंने कहा कि उनकी नाव पर सिर्फ चार लोग सवार थे, लेकिन उन्होंने बाकी नावों के आने से पहले जितना हो सके फंसे हुए लोगों को बचाया। इनमें तीन से चार विदेशी भी थे। बामाने ने कहा कि उन्होंने करीब 20-25 लोगों को बचाया, जिन्हें बाद में नौसेना की नौकाओं में स्थानांतरित कर दिया गया।

यह घटना सबसे भयानक और दुखद थी: बामाने
नाव चलाने के 18 साल के अनुभव वाले बामाने ने कहा कि उन्होंने पहले भी छोटे बचाव अभियान देखे हैं, लेकिन यह घटना सबसे भयानक और दुखद थी। उन्होंने बताया कि एक छोटी बच्ची बेहोश पड़ी थी, क्योंकि उसके फेफड़ों में पानी चला गया था। उन्होंने उसकी छाती पर दबाव डाला और उसे सांस लेने में मदद की। धीरे-धीरे उसकी सांसें सामान्य हो गईं।

एक छोटी पर्यटक नाव के चालक इकबाल गोठेकर ने कहा कि उनकी नाव दोपहर करीब 3.35 बजे एलीफेंटा द्वीप से रवाना होने के बाद लगभग 25-30 मिनट में दुर्घटना के बारे में पता चला और वह दुर्घटनास्थल पर पहुंचने वाले पहले लोगों में से एक थे। गोठेकर, जो 2004 से नाव चलाने का काम कर रहे हैं, ने कहा कि पलटी हुई नाव पर लोग मदद के लिए हाथ हिला रहे थे। उन्होंने बताया कि जब तक वे वहां पहुंचे, मछली पकड़ने वाली एक ट्रॉलर भी वहां आ चुकी थी।

80 लोगों की थी नाव की क्षमता
रायगढ़ जिले के मूल निवासी गोठेकर ने कहा कि उनकी नाव ने 16 लोगों को बचाया, और उन्हें गेटवे ऑफ इंडिया पर सुरक्षित पहुंचाया। बचाए गए व्यक्तियों को पुलिस चौकी ले जाया गया। गोठेकर ने कहा, ‘मैंने अपने करियर में कभी ऐसी घटना नहीं देखी।’

सूत्रों से पता चला कि पलटी गई नाव की क्षमता 80 लोगों की थी और यह घटना बुचर द्वीप के पास हुई घटना से लगभग 45 मिनट पहले गेटवे ऑफ इंडिया से एलीफेंटा गुफाओं के लिए रवाना हुई थी।

सीआईएसएफ ने गश्ती नाव का उपयोग कर 56 लोगों को बचाया
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) जवान एक गश्ती नाव में जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह से लगभग 6 किमी दूर बुचर द्वीप के पास दुर्घटनास्थल पर पहुंचे और बचाव अभियान चलाया। बचाव अभियान के दौरान सीआईएसएफ जवानों ने 56 लोगों को बचा लिया। सीआईएसएफ ने एक बयान में कहा कि एमबीपीटी (मुंबई पोर्ट ट्रस्ट), नौसेना, तट रक्षक और तटीय पुलिस के संसाधनों के साथ सीआईएसएफ गश्ती नौका ने स्थिति पर तेजी से प्रतिक्रिया दी।