महतारी वंदन योजना की आड़ में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज का बड़ा बयान सामने आया है। महतारी वंदन में गड़बड़ी के मामले पर बैज ने कहा कि महतारी वंदन के नाम से यह सरकार बड़ा भ्रष्टाचार कर रही है।
भाजपा ने दावा किया था कि हर महिला को योजना का लाभ मिलेगा लेकिन महतारी वंदन के 50 प्रतिशत से ज्यादा मामलों में गड़बड़ी है। सनी लियोन के नाम से खाते में पैसा जा रहा है। उन्होंने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि परीक्षण करने के बाद समझ आएगा कि कहीं करीना कपूर के नाम से भी नहीं जा रहा।
सनी लियोन एक पोर्नस्टार हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बैज ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि यह एक गंभीर विषय है। ऐसे मामलों में भाजपा के नेता इन्वॉल्व हैं। मामले की जांच की जाएगी तो एक बड़ा घोटाला निकलकर सामने आएगा।
कांग्रेस नेता जयवर्धन बघेल ने यह दावा किया है और FB पोस्ट में लिखा, छत्तीसगढ़ की महतारी वंदन योजना भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ गई है इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार #सनी_लियोन को हर महीने ₹1000 जारी किए जा रहे हैं यह मामला सरकारी भ्रष्टाचार उजागर करता है।
ना जाने ऐसे कितने भ्रष्टाचार कितनो के नाम से कर रही होगी ये भाजपा सरकार जनता के पैसों को लुटा जा रहा है इस तरह की घटनाएं न केवल योजना की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करती हैं, बल्कि उन असली लाभार्थियों को भी नुकसान पहुंचाती हैं, जिनके लिए यह योजना बनाई गई थी। क्या यह लापरवाही है, या योजनाओं के नाम पर भ्रष्टाचार का एक और उदाहरण?
जनता के पैसों के इस दुरुपयोग के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। आखिर, क्या ये योजनाएं आम जनता के लिए हैं, या नाम के बहाने जेब भरने का साधन।
विवाद और बयानबाजी
इस मामले में छत्तीसगढ़ बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता अजय चंद्राकर ने कोई अनियमितता नहीं मानी है. उनका कहना है, “यह बस्तर का परंपरागत नाम नहीं है लेकिन बस्तर में धर्मांतरण होता रहता है. हो सकता है किसी धर्मांतरित महिला का नाम सनी लियोनी हो. इसे किसी भी तरह की अनियमितता के रूप में नहीं देखा जा सकता.”
वहीं कांग्रेस पार्टी ने इसे भ्रष्टाचार का उदाहरण बताया है. कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि”यह योजना भ्रष्टाचार की योजना बन चुकी है. जरूरतमंद महिलाओं को लाभ नहीं मिल रहा है, बल्कि बीजेपी के समर्थक लोगों के खाते में पैसे जा रहे हैं.” उनका आरोप है कि सरकार का दावा है कि 75 लाख महिलाओं को लाभ मिल रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि केवल 20-25 लाख महिलाओं तक ही यह राशि पहुंच रही है।