छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई हो सकती है। पूर्व मंत्री कवासी लखमा पूछताछ के लिए ईडी ऑफिस पहुंचे हैं। कवासी लखमा के घर में ईडी ने 28 दिसंबर को रेड डाली थी। ईडी ने अपने बयान में कहा था कि कवासी लखमा के खिलाफ सबूत मिले हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार के पूर्व मंत्री कवासी लखमा शुक्रवार सुबह ईडी के दफ्तर पहुंचे। छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले मामले में पूछताछ के लिए ईडी ने पूर्व आबकारी मंत्री और कांग्रेस कवासी लखमा को समन जारी किया था। कवासी लखमा रायपुर स्थित प्रवर्तन निदेशालय उपक्षेत्र कार्यालय पहुंचे हैं। जहां उनसे शराब घोटाले मामले में पूछताछ की जाएगी। बता दें कि जिस समय शराब घोटाला उजागर हुआ था उस समय कोंटा विधानसभा सीट से विधायक कवासी लखमा राज्य के आबकारी मंत्री थे।
28 दिसंबर को पड़ी थी रेड
28 दिसंबर को पूर्व मंत्री कवासी लखमा उनके बेटे सहित अन्य लोगों के घर ईडी ने मारा था छापा। इस छापे के बाद ईडी ने यह जानकारी दी थी कि शराब घोटाले से जुड़े कई साक्ष्य मिले हैं जो कवासी लखमा से जुड़े हैं। जिसके बाद ईडी ने कवासी को पूछताछ के लिए समन जारी किया था। शुक्रवार को सुबह करीब 10 बजकर 30 मिनट पर कवासी पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर पहुंचे । जानकारी के अनुसार, ईडी पूछताछ के बाद इन्हें कोर्ट में पेशकर आगे भी पूछताछ जारी रखने के लिए गिरफ्तारी की मांग भी कर सकती है।
क्या कहा कवासी लखमा ने
कवासी लखमा ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि आप लोग जानते हैं मेरे घर में कुछ नहीं मिला है। कवासी लखमा के बेटे हरीश लखमा भी ईडी ऑफिस पहुंचे हैं। रेड के बाद कवासी लखमा ने कहा था कि उनके घर से ईडी को कुछ नहीं मिला था। मैं अनपढ़ आदमी हूं अधिकारी जहां कहते थे मैं साइन कर देता था। उन्होंने दावा किया था कि मैंने मंत्री पद पर रहते हुए एक रुपये की जमीन नहीं खरीदी थी।
ईडी ने कहा- साक्ष्य मिले हैं
गुरुवार को ईडी ने अपने आधिकारी बयान में कहा था कि रेड के बाद कवासी लखमा के घर में कई सूबत मिले हैं। ईडी ने अपने बयान में कहा था कि कवासी लखमा द्वारा नकद में पीओसी के उपयोग से संबंधित सबूत जुटाने में सक्षम हो गया है। इसके अलावा, तलाशी में कई डिजिटल डिवाइस बरामद और जब्त की गईं, जिनके बारे में माना जाता है कि उनमें आपत्तिजनक रिकॉर्ड हैं।
ईडी ने दावा किया है कि पूर्व मंत्री के रूप में लखमा ने कार्यकाल के दौरान अपराध की आय के मुख्य प्राप्तकर्ता थे। ईडी ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा है कि जांच में पहले ही पता चला था कि अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और अन्य लोगों का शराब सिंडिकेट छत्तीसगढ़ में काम कर रहा है। इस घोटाले के माध्यम से उत्पन्न पीओसी का अनुमान करीब 2161 करोड़ रुपए है। ईडी को पता चला है कि लखमा पीओसी से मासिक आधार पर बड़ी मात्रा में नगद लेते थे।
कई नेता अधिकारी जेल में
छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले को लेकर ईडी लंबे समय से कार्रवाई कर रहे हैं। इस मामले में कई अधिकारी और नेताओं के रिश्तेदार जेल में हैं। रायपुर मेयर के भाई भी शराब घोटाले के मामले में जेल में बंद हैं।