ED के लपेटे में लखमा : 9 घंटे चली पूछताछ, बाहर निकले कवासी लखमा,निकलकर बोले- सवालों के साथ चाय-नास्ता भी पूछे,जानिए बीजेपी की तरफ से आया कोई ऑफर

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छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा ED दफ्तर पहुंचे थे। जहां उनसे 8 :30 घंटे से ज्यादा पूछताछ हुई। ED दफ्तर के बाहर निकलने के बाद उन्होंने कहा कि, जो कागज मांगे थे वह मैंने कागज जमा किया। कुछ बातें सब लोगों ने पूछे उसका जवाब दिया है। कुछ कागज बचा है, उसके लिए और कुछ दिन का समय मांगा हूं। अभी बड़े बेटे बहू का देना है। सख्ती किये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि, कोई बदतमीजी नहीं हुआ है। चाय नाश्ते के लिए पूछ रहे थे, कोई परेशानी नहीं हुई।

किसी का नाम लेने के दबाव पर कवासी लखमा ने कहा कि, अंदर की कोई भी बात सार्वजनिक करना अच्छा नहीं है। मैं कानून को मानने वाले कांग्रेस पार्टी का मेंबर हूं। इस प्रकार अभी बस्तर सुरक्षित नहीं है, मैं गरीब व्यक्ति हूं… आदिवासी आदमी हूं। आदिवासी युवतियों के लिए संविधान में कानून है। उनकी आवाज उठाना है, उसी से नाराज होकर भाजपा ने मुझे परेशान करने के लिए मुझ पर जो आरोप लगाया है। ED सरकार और बीजेपी के कारण लगा है। मुझे परेशान किया जा रहा है और इसकी लड़ाई मैं अंतिम तक लडूंगा। जब तक जिंदा रहूंगा, आदिवासियों के लिए लड़ता रहूंगा। मैं घोटाले को कबूल नहीं कर रहा हूं।

बीजेपी की तरफ से नहीं आया कोई ऑफर

उन्होंने आगे कहा कि, तीन दारू बनाने वाली कंपनी है उन पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? दारू कंपनी पर जांच करो। भाजपा में शामिल होने के दबाव बनाने पर कवासी लखमा ने कहा कि, ऐसा कोई ऑफर मुझे नहीं मिला है। वो जानते हैं कि मरेगा और जिएगा कांग्रेस पार्टी में। उन्हें पता है कि यह नहीं जुड़ेगा इसलिए मुझे ऑफर नहीं दिया।

यह आरोप सरकार और बीजेपी के कारण मुझ पर लगाए गए हैं। मैं इस लड़ाई को अंतिम तक लडूंगा। जब तक जिंदा रहूंगा, आदिवासियों के लिए लड़ता रहूंगा।” कवासी लखमा ने आगे कहा, “मैं घोटाले को कबूल नहीं कर रहा हूं, लेकिन जांच चल रही है। अगर दो नंबर की शराब भेजी गई है, तो अधिकारी के घर में क्यों नहीं बन रही थी? तीन शराब बनाने वाली कंपनियां हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? शराब कंपनियों पर जांच करो।” उन्होंने कहा, “ऐसा कोई ऑफर मुझे नहीं मिला है। वे जानते हैं कि मैं कांग्रेस पार्टी में हूं।

इसलिए मुझे कोई ऑफर नहीं दिया गया।” गौरतलब है कि बीते गुरुवार को ईडी ने अपने आधिकारी बयान में कहा था कि रेड के बाद कवासी लखमा के घर में कई सूबत मिले हैं. ईडी ने अपने बयान में कहा था कि कवासी लखमा द्वारा नकद में पीओसी के उपयोग से संबंधित सबूत जुटाने में सक्षम हो गया है. इसके अलावा, तलाशी में कई डिजिटल डिवाइस बरामद और जब्त की गईं, जिनके बारे में माना जाता है कि उनमें आपत्तिजनक रिकॉर्ड हैं। छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले को लेकर ईडी लगभग दो साल से कार्रवाई कर रही है. इस मामले में कई अधिकारी और नेताओं के रिश्तेदार जेल में हैं. रायपुर मेयर के भाई अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी भी शराब घोटाले के मामले में जेल में बंद हैं।