छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के पत्रकार मुकेश चंद्रकार की हत्या के मामले में प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है। हत्यारों की गिरफ्तारी के बाद अब आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्रकार के अवैध कब्जे पर बुल्डोजर चलाया गया है। आरोपी ठेकेदार का गंगालूर सड़क पर पांच एकड़ वन भूमि पर अवैध कब्जा है।
दरअसल, पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या का मुख्य आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर है। वहीं अब इस मामले में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के अवैध कब्जे पर बुल्डोजर चलाया है। आरोपी ठेकेदार ने गंगालूर मार्ग पर कंस्ट्रक्शन के नाम पर 5 एकड़ भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा था। मौके पर वन विभाग के अफसर समेत SDM और राजस्व अमला मौजूद हैं।
ठेकदार के सेप्टिक टैंक में मिला था शव
शुक्रवार को बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर (Mukesh Chandrakar) की हत्या कर दी गई। शुक्रवार (3 जनवरी) को उनका शव ठेकेदार के सेफ्टिक टैंक में मिला था। मुकेश चंद्राकर 1 जनवरी से गायब थे। परिजनों और पत्रकारों ने मामले की शिकायत थाने में दर्ज करवाई थी। उन्होंने ठेकेदार के भ्रष्टाचार को उजागर किया था, जिसके बाद उस पर कार्रवाई हुई थी। इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया था।
पत्रकार मुकेश चंद्राकर 1 जनवरी से थे लापता
पत्रकार मुकेश चंद्राकर (Mukesh Chandrakar) 1 जनवरी से लापता थे। उनके सभी मोबाइल नंबर बंद आ रहे थे। उनके बड़े भाई युकेश चंद्राकर ने गुमशुदगी की रिपोर्ट बीजापुर थाने में करवाई है। इधर गुमशुदगी की खबर पर बीजापुर एसपी ने टीम गठित कर मामले की जांच शुरू की गई थी। इस जांच में बीजापुर एएसपी युगलैंडन यार्क और कोतवाली टीआई दुर्गेश शर्मा के साथ अन्य अधिकारियों की टीम बनाई है। बस्तर आईजी पी. सुंदरराज ने सोशल मीडिया पर प्रेस नोट जारी कर कहा था कि, पुलिस पत्रकार मुकेश चंद्राकर की जल्द से जल्द पतासाजी करने के हर संभव प्रयास में जुटी है। उन्हें जल्द ही ढूंढ लिया जायेगा।
भाई ने ठेकेदार की संलिप्तता का जताया अंदेशा
दरअसल, बीते दिनों मुकेश चंद्राकर ने बीजापुर जिले के मिरतुर इलाके एक सड़क निर्माण की स्टोरी अपने संस्थान के लिए बनाई थी। जिसके बाद सरकार ने सड़क पर बड़ी जांच बैठाकर कार्यवाही भी की थी। मुकेश चंद्राकर के बड़े भाई युकेश चंद्राकर ने बताया कि, उन्हें सन्देह है कि, सड़क के ठेकेदार का कनेक्शन मुकेश चंद्राकर के गायब होने में है। पुलिस इस एंगल से भी मामले की पड़ताल करे।
बताया जा रहा है कि 120 करोड़ की लागत से नेलसनार
कुडोली, मीरतुर की सड़क बनाई गई है। लगभग 5 से 6 दिन पहले ही पत्रकार मुकेश ने रायपुर से आए एक साथी के साथ मिलकर इस सड़क में भ्रष्टाचार की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिस वजह से मुकेश चंद्राकर और उसके रिश्तेदार सुरेश चंद्राकर में विवाद हो गया था। पत्रकार से बार-बार संपर्क साधने की कोशिश कर रहे थे। एक जनवरी को एक व्यक्ति मुकेश चंद्राकर के घर पहुंचा था और उसे एक जगह पर चलने की बात कही थी। इसके बाद से ही मुकेश चंद्राकर लापता थे।
जिस जगह से लाश बरामद की गई, वहां पर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुटी रही। मौके पर एफएसएल की टीम और पुलिस के आला अफसर मौजूद रहे। बड़ी संख्या में बस्तर संभाग के जिलों से पत्रकार भी घटना स्थल पर पहुंचे। परिजनों और पुलिस के मुताबिक मुकेश चंद्राकर एक जनवरी से लापता थे।
आमतौर पर सेप्टिक टैंक में एक हिस्सा खुला छोड़ा जाता है, जिस पर ढक्कन लगाया जाता है। यह एक चैंबर खुला छोड़ दिया जाता है। साफ सफाई करने के लिए इस चैंबर को अलग से लगाया जाता है। आरोपियों ने लाश को छिपाने के लिये पूरी तरह से सेप्टिक टैंक कांक्रीटीकरण कर दिया था। जब पत्रकारों की नजर इस पूरी तरह से ढके हुए सेप्टिक टैंक पर पड़ी तो उन्होंने इसे तुड़वाने की बात कही। इसे लेकर पत्रकार और पुलिस के बीच अनबन भी हो गई थी। बाद में इसी सेप्टिक टैंक को तोड़ा गया तो उसके अंदर पत्रकार मुकेश चंद्राकर की लाश देखी गई।
शव को देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि हत्यारे ने पहले गला घोंटा होगा। उसके बाद सिर पर धारदार हथियार से कई वार किए होंगे। क्योंकि सिर पर करीब ढाई इंच का गहरा गड्ढा हो गया है। ऐसा लग रहा है जैसे कुल्हाड़ी से वार किया गया है।
बीजापुर में पत्रकार की हत्या के तार रायपुर से जुड़े
ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के छोटे भाई रितेश चंद्राकर की CG20-3333 नंबर की कार रायपुर एयरपोर्ट पर खड़ी मिली, जिसे बाद में पुलिस ने जब्त किया। वह गुरुवार को 6.40 बजे दिल्ली फ्लाइट में फरार हो गया था। जिसे दिल्ली से पुलिस ने हिरासते में लेकर पूछताछ कर रही है। उसके भाई बड़े भाई सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। बताया जाता है कि पत्रकार मुकेश चंद्राकर सुरेश चंद्राकर का रिश्तेदार भी था। शव का पोस्टमार्टम हो चुका है। पुलिस को बस पीएम रिपोर्ट आने का इंतजार है।