महाकुंभ में पहुंचे वकील ने खुद को बताया कोरबा का ADM: ली VIP ट्रीटमेंट, कलेक्टर बोले- इस नाम का कोई ऑफिसर नहीं,प्रशासन जांच में जुटा।

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कलेक्टर अजीत वसंत ने विक्रम कुमार जायसवाल नाम का एडीएम होने से इनकार किया है। यूपी में खबर प्रकाशित होने के बाद मामला सामने आया है जिसके बाद प्रशासन मामले की जांच में जुटा है।

छत्तीसगढ़ के कोरबा से परिवार सहित प्रयागराज पहुंचे युवक को दिल का दौरा पड़ गया। अस्पताल में पीड़ित ने खुद को कोरबा जिले का एडीएम विक्रम सिंह जायसवाल बताया। अस्पताल में अफसर समझकर वीआईपी ट्रीटमेन्ट दिया गया। वहीं कोरबा जिला प्रशासन ने विक्रम जायसवाल नाम का एडीएम होने से इनकार किया है। अधिवक्ता संघ ने भी पंजीकृत सदस्य होने से इनकार कर दिया है।

कलेक्टर अजीत वसंत ने विक्रम कुमार जायसवाल नाम का एडीएम होने से इनकार किया है। यूपी में खबर प्रकाशित होने के बाद मामला सामने आया है जिसके बाद प्रशासन मामले की जांच में जुटा है।

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के निवासी विक्रम कुमार जायसवाल को रविवार की देर रात मेले में अचानक दिल का दौरा पड़ गया। जिसके बाद उन्हें आनन-फानन में मेले के सेक्टर दो स्थित केंद्रीय अस्पताल लाया गया। जहां इनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। वहीं चिकित्सकों ने ईसीजी की जांच में हार्ट अटैक की पुष्टि होने पर बिना देर किए इलाज शुरू कर दिया। ऐसे में तीन से चार घंटे के बाद विक्रम कुमार जायसवाल को आराम मिल गया। उसके बाद विक्रम ने खुद को कोरबा जिले का एडीएम बताया और रौब दिखाने लगा, उसका वीआईपी इलाज और देखरेख पर विशेष ध्यान दिया गया। हालांकि हालत में सुधार होने के बाद उन्होंने मकर संक्रांति के पर्व पर स्नान करने की इच्छा जताई क्योंकि यह उनका संकल्प है।

ख़ुद को एडीएम विक्रम कुमार जायसवाल बताने वाले पत्नी व बेटे के साथ रविवार की सुबह मेला घूमन आए हैं। वह अपने परिवार के साथ मेला के सेक्टर 24 हर्षवर्धन चौराहे के पास एक दोस्त के यहां ठहरे हैं। वहीं रविवार की शाम वह अपने परिवार के साथ मेला घूमने निकले। इस दौरान अक्षयवट के पास उन्हें उलझन होने लगी। देखते ही देखते थोड़ी देर में वह बेहोश हो गए। होश में आने पर मकर संक्रांति के प्रमुख स्नान पर्व पर आस्था की डुबकी लगाने की इच्छा जताई। ऐसे में डॉ. सिद्धार्थ पांडेय ने सावधानी बरतने को कहा।

वहीं कोरबा जिले में जानकारी मिली कि विक्रम जायसवाल दर्री रोड निवासी है और स्टेट बार काउंसिलिंग में पंजीकृत है लेकिन जिला अधिवक्ता संघ का सदस्य नहीं है। इस मामले में अमर उजाला से टेलिफोनिक बातचीत में कलेक्टर अजीत वसंत ने बताया कि इस नाम का जिले में कोई एडीएम नहीं है। यह गलत है। यूपी में खबर प्रकाशित होने के बाद यह मामला सामने आया था।