मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में जिला प्रशासन ने आदेश जारी किए थे कि एक जनवरी 2025 के बाद भीख देना अपराध होगा। इसके तहत अब पहली एफआईआर दर्ज कर ली गई है। मामले के बारे में विस्तार से जानते हैं।
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में भीख देने पर पुलिस ने पहली एफआईआर दर्ज की है। जिला प्रशासन ने पहले ही आदेश जारी कर दिए थे कि 1 जनवरी 2025 के बाद शहर में भीख देने पर बैन लागू होगा। अगर कोई व्यक्ति किसी भिखारी को भीख देते मिला तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। दरअसल जिला प्रशासन ने इंदौर को भिखारी मुक्त शहर बनाने का लक्ष्य रखा है, जिसके तहत सख्त आदेश जारी किए गए थे। जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा था कि अगर कोई आदमी किसी भिखारी को 1 जनवरी 2025 के बाद भीख देते मिला तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। जिला प्रशासन ने भीख के खिलाफ 31 दिसंबर 2024 तक जागरूकता अभियान भी चलाया था।


गुरुवार को इंदौर शहर में भंवरकुआं थाना क्षेत्र में भीख देने वाले एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ पहली एफआईआर दर्ज की गई है। फरियादी ने अपना नाम फूल सिंह बताया। फूल सिंह ने पुलिस को बताया कि वाहन नंबर (MP 09 S G 4361) में सवार व्यक्ति ने भिखारियों को भीख दी। उन्होंने पुलिस को मोबाइल पर सूचना दी। शिकायत के अनुसार आरोपी गाड़ी में सवार था, जो भिखारियों को भीख दे रहा था।
यह सरासर कलेक्टर के आदेशों का उल्लंघन है। शिकायतकर्ता ने गाड़ी के नंबर के अलावा समय भी बताया है। एक वीडियो भी आरोपी का सामने आया है, जिसके ऊपर कलेक्टर ने संज्ञान लिया है। भंवरकुआं थाना क्षेत्र में भीख देने के आरोप में यह मध्य प्रदेश की पहली एफआईआर दर्ज की गई है।

सफाई के मामले में इंदौर देश में नंबर वन
बता दें कि इंदौर को भारत का सबसे स्वच्छ शहर माना जाता है, जिसको पिछली बार सफाई के मामले में नंबर 1 रैंकिंग मिली थी। इसके बाद इंदौर ने अब खुद को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने की दिशा में कदम रखा है। लोगों से भी सहयोग की अपील की गई है। अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया गया था कि वे किसी को भीख न दें। इससे न केवल शहर और सुंदर बनेगा, बल्कि भिखारियों से मुक्त होगा। इस मुहिम को बड़े सामाजिक बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है।
बताया गया कि, 23 जनवरी 2025 को फरियादी भिक्षावृत्ति उन्मूलन दल अधिकारी फूल सिंह पिता मांगीलाल ने थाना भंवरकुआँ में उपस्थित होकर लिखित आवेदन पत्र दिया। यह आवेदन पत्र आरोपी मुकेश पिता बालाराम उम्र 48 साल निवासी 146 भावना नगर खड़वा नाका इंदौर के खिलाफ दिया गया। आवेदन के अनुसार बताया गया कि सोनाबाई पति बलराम निवासी 146 भावना नगर पालदा इंदौर द्वारा लगातार भंवरकुआँ चौराहे में भिक्षावृत्ति की जा रही है। इसके पूर्व प्रथम बार उनके पुत्र मुकेश से शपथ पत्र प्रस्तुत करने पर एक वर्ष पूर्व 23 जनवरी 2024 को इनको समझाइश देकर छोडा गया था। पुनः 27 अगस्त 2024 को इनके पुत्र मुकेश के शपथ पत्र प्रस्तुत किये जाने पर इनको दूसरी बार चेतावनी देकर छोड़ा गया था।
पुनः 14 जनवरी 2025 को भंवरकुआँ चौराहे पर स्थित मंदिर में भिक्षावृत्ति करते हुए रेस्क्यू दल द्वारा इनको पकडा गया। कलेक्टर श्री आशीष सिंह द्वारा भिक्षा लेने और देने दोनों को भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम 2023 की धारा 163 के तहत किये गए प्रतिबंधित आदेश के उल्लंघन पर आज सोनाबाई पति बलराम के लिए शपथ पत्र प्रस्तुत कर जिम्मेदारी लेने वाले भिक्षुक माँ के पुत्र मुकेश पर प्रकरण दर्ज कराया गया। अपराध धारा 223 बी एन एस का पाया जाने से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।
इसी तरह एक अन्य मामले में फरियादी भिक्षावृत्ति उन्मूलन दल अधिकारी फूल सिंह पिता मांगीलाल ने थाना भंवरकुआँ में उपस्थित होकर एफआईआर दर्ज कराई। इस प्रकरण में बताया गया कि यह प्रकरण अज्ञात आरोपी के खिलाफ दर्ज कराया गया है। प्रकरण के अनुसार 21 जनवरी 2025 को समय 10.15 पर खण्ड़वा नाका एवं अरिहंत कालेज के बीच में रोड के किनारे बने हनुमान मंदिर में एक अज्ञात युवक जो कि वाहन क्रमांक MP09 SG4361 में आया था, के द्वारा मंदिर के सामने बैठी भिक्षुक को भिक्षा देकर कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी द्वारा भिक्षावृत्ति के विरूद्ध जारी प्रतिबंधात्मक आदेश का उल्लंघन किया गया है। इस पर अपराध धारा 223 बी एन एस का प्रकरण पाये जाने से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।