भारती विश्वविद्यालय में पर्यावरण फॉरेंसिक विष विज्ञान पर वेबीनार आयोजित

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दुर्ग, भारती विश्वविद्यालय, दुर्ग के फॉरेंसिक विज्ञान विभाग एवं आईक्यूएसी के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय वेबीनार का आयोजन किया गया। वेबीनार का शीर्षक ‘‘पर्यावरण फॉरेंसिक विष विज्ञान: कानूनी मुद्दे एवं चुनौतियाँ’’ था। वेबीनार के विषय विशेषज्ञ एवं मुख्य वक्ता डॉ. सुधीर यादव, सहायक प्राध्यापक, फॉरेंसिक विज्ञान विभाग, गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर रहे।

डॉ. यादव ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज हम जिस बढ़ती पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, पर्यावरण विष विज्ञान छात्रों के पास दुनिया के भविष्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने के लिए आवश्यक अत्याधुनिक शिक्षा है। उन्होने पर्यावरणीय विष विज्ञान को पर्यावरण में रसायनों के खतरनाक प्रभावों के अध्ययन के रूप में परिभाषित किया। अध्ययन क्षेत्र पर्यावरण में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले जहरीले रसायन हैं, यानि पौधों और जीवों से निकलने वाले विषाक्त पदार्थ भी इसमें शामिल हो सकते हैं। यह मानवविज्ञान विषय के पर्यावरणीय रसायनों के अध्ययन से भी जुड़ा है।
उपरोक्त वेबीनार का उद्देश्य विद्यार्थियों में पर्यावरण फॉरेंसिक विष विज्ञान के प्रति समझ विकसित करना तथा इस नवीन विषय के महत्व को उजागर करना था।

विश्वविद्यालय के उप-कुलपति प्रो. (डॉ.) आर. एन. सिंह ने अपने उद्बोधन में फॉरेंसिक विज्ञान की आवश्यक्ता एवं उपयोगिता पर प्रकाश डाला। प्रो. (डॉ.) बी.एन. तिवारी ने वेबीनार के आयोजन को ज्ञान एवं विज्ञान के प्रसार एवं विकास हेतु आवश्यक बताया। धन्यवाद ज्ञापन अधिष्ठाता लाइफ साइंस डॉ श्वेता एन. द्वारा किया गया। इस वेबिनार में प्राध्यापकगण डॉ. स्वाति पाण्डे, डॉ. स्नेह कुमार मेश्राम, जयन्त बारीक, समीक्षा नैय्यर, आदि सहित बड़ी संख्या में समस्त संकायों के विद्यार्थी सम्मिलित हुए। वेबीनार से अन्य संस्थाओं के प्राध्यापक एवं विद्यार्थी भी लाभान्वित हुए। कार्यक्रम का संयोजन फॉरेंसिक विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष निशा पटेल द्वारा किया गया।