छत्तीसगढ़: निलंबित IAS अधिकारी रानू साहू और कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को बड़ा झटका, हाईकोर्ट ने खारिज की जमनात याचिका

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निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू और कारोबारी सूर्यकांत तिवारी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कोयला घोटाला मामले में हाईकोर्ट ने दोनों की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी है।

निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू और कारोबारी सूर्यकांत तिवारी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कोयला घोटाला मामले में हाईकोर्ट ने सोमवार को दोनों की जमानत याचिकाएं खारिज करते हुए बड़ा झटका दिया है। दोनों आरोपियों ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी, लेकिन जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की सिंगल बेंच ने सुनवाई के बाद इसे खारिज कर दिया।

बता दें कि कोयला घोटाला मामले की सुनवाई पहले हो चुकी थी और फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। वहीं, सोमवार को हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में अवैध कोल लेवी वसूली का मामला ईडी की रेड में सामने आया था। दावा है कि कोल परिवहन में कोल व्यापारियों से वसूली करने के लिए ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को ऑफलाइन कर दिया गया था। खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक आईएएस समीर बिश्नोई ने 15 जुलाई 2020 को इसके लिए आदेश जारी किया था। इसके लिए सिंडिकेट बनाकर वसूली की जाती थी।

पूरे मामले का मास्टरमाइंड किंगपिन कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया। जो व्यापारी 25 रुपए प्रति टन के हिसाब से अवैध रकम सूर्यकांत के कर्मचारियों के पास जमा करता था। उसे ही खनिज विभाग पीट पास और परिवहन पास जारी करता था। इस तरह से स्कैम कर कुल 570 करोड़ रुपये की वसूली की गई। ईडी की रेड में पहले आईएएस समीर बिश्नोई फिर कोल कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को गिरफ्तार किया गया।