गुपचुप बेचने वाली महिला कार्यकर्ता को बीजेपी ने वार्ड 11 से पार्षद प्रत्याशी बनाया,देखें वीडियो

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जांजगीर। अकलतरा के वार्ड नंबर 11 से भाजपा ने एक गुपचुप बेचने वाली महिला संतोषी कैवर्त्य को अपना प्रत्याशी बनाया है। सीएम साय के सलाहकार पंकज कुमार झा ने कहा, चाय वाले महापौर के बाद अब गुपचुप बेचने वाली बहन संतोषी कैवर्त्य को भाजपा ने पार्षद प्रत्याशी बनाया है। अकलतरा के वार्ड नंबर 11 से प्रत्याशी बनी हैं।

बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने 25 जनवरी को अधिकृत अध्यक्ष और पार्षदों की अधिकृत उम्मीदवारों की घोषणा की है। सूची जारी होते ही पार्टी के नेता चुनावी माहौल को गर्म करने के लिए सड़कों पर उतरकर प्रचार-प्रसार में जुटे हुए हैं। भाजपा के चुनावी दावेदार ने अपने समर्थकों के बीच यह संदेश देने की कोशिश की कि वे शहर की बेहतर सेवा के लिए तैयार हैं और उनकी पार्टी ही विकास के रास्ते पर आगे बढ़ सकती है।

वहीं सोमवार की सुबह कांग्रेस पार्टी ने भी अपने अध्यक्ष पद के प्रत्याशी की घोषणा की। कांग्रेस ने जांजगीर-नैला और चाम्पा में अध्यक्ष के लिए अपने मौजूदा पार्षद को मैदान में उतारा है। अधिकृत सूची जारी होने के कुछ घंटों बार चांपा के कांग्रेस अध्यक्ष प्रत्याशी राजेश अग्रवाल और भाजपा प्रत्याशी प्रदीप नामदेव ने अपने समर्थकों के साथ एसडीएम कार्यालय पहुंचे और नामांकन दाखिल किया।

छत्तीसगढ़ में नगर निकाय चुनावों को लेकर हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस ने रविवार (26 जनवरी) को देर रात राज्य में सभी 10 महापौर पदों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा की। मेयर पद के लिए चुनाव अगले महीने प्रदेश में अन्य शहरी निकाय चुनावों के साथ होंगे।

छत्तीसगढ़ में कब है नगर निकाय के चुनाव?

छत्तीसगढ़ में 10 नगर निगमों, 49 नगर पालिका परिषदों और 114 नगर पंचायतों सहित 173 नागरिक निकायों के चुनाव 11 फरवरी को एक ही चरण में होंगे, जबकि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 17, 20 और 23 फरवरी को तीन चरणों में आयोजित किए जाएंगे. 2019-2020 में हुए पिछले शहरी निकाय चुनावों में, राज्य में तत्कालीन सत्तारूढ़ कांग्रेस को सभी 10 नगर निगमों में मेयर पद मिले थे।

पिछली बार, महापौर चुनाव अप्रत्यक्ष तरीके से हुए थे. जनता सीधे पार्षदों का चुनाव करती थी और बाद में महापौर का चुनाव करती थी. अप्रत्यक्ष पद्धति 2019 में तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार द्वारा शुरू की गई थी. इस बार, विष्णु देव साय सरकार ने पिछले सिस्टम को बहाल कर दिया है जिसके तहत लोग सीधे महापौर चुनने के लिए मतदान करेंगे।