मध्यम वर्ग को बड़ा तोहफा: मिडिल क्लास को मिली बड़ी राहत,12 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा,पढ़ें बजट भाषण की अहम बातें

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में टैक्स पेयर्स के लिए कई बड़ी घोषणाएं की हैं. इस बजट से खासतौर पर मध्य वर्ग को बड़ा तोहफा मिला है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में देश का आम बजट पेश कर रही है. मोदी 3.0 का यह पहला आम बजट है. वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण के दौरान नए इनकम टैक्स बिल का ऐलान किया है. उन्होंने अपने बजट भाषण में कहा कि विकसित भारत की ओर हमारी यात्रा में आम लोगों को बड़ा योगदान है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में इनकम टैक्स को लेकर बड़े ऐलान भी किया है. उन्होंने कहा कि अब 12 लाख रुपये तक की आय पर किसी को कोई टैक्स नहीं देना होगा. जबकि 16 से 20 लाख रुपये की सालाना कमाई पर 20% टैक्स, 20 से 24 लाख रुपये की कमाई पर 25% टैक्स और 24 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई पर 30% टैक्स देना होगा।

इस बिल को अगले हफ्ते पेश किया जाएगा. इस बिल के लागू होने के बाद इनकम टैक्स फाइल करने में भी आसानी होगी. KYC की प्रक्रिया को भी सरल बनाया जाएगा. नए टैक्स स्लैब का ऐलान करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मध्यम वर्ग पर ध्यान देते हुए हमने व्यक्तिगत कर में सुधार करने का फैसला किया है. हमारा मकसद सिर्फ आम लोगों की कठिनाइयों को कम करना है. हम टैक्स में बुजुर्गों को बड़ी छूट देने जा रहे हैं. बुजुर्गों के लिए TDS की सीमा दोगुनी कर दी गई है. अब इसे बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि हमने अब TCS को 7 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये किया है।

आपको बता दें कि बजट पेश किए जाने से पहले ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि सरकार नई टैक्स रिजीम को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देना चाहती है, इनकम ढांचे में फिलहाल संभावित बदलाव की भी बात की जा रही थी. कहा जा रहा था कि नए स्लैब के तहत टैक्स दरों में कुछ संशोधन किए जाने की भी उम्मीद है. ऐसा हुआ तो करदाताओं पर टैक्स का बोझ कम होगा और लोगों के हाथ में ज्यादा पैसे बचेंगे।

अब से पहले तक कैसा है टैक्स स्लैब
फिलहाल देश के अंदर दो टैक्स सिस्टम चल रहे हैं. एक ओल्ड टैक्स रिजीम और दूसरा न्यू टैक्स रिजीम. न्यू इनकम टैक्स रिजीम में 80सी के जरिए कोई छूट नहीं दी जाती है. इसकी वजह से सैलरीड एंप्लॉयीज इसमें सेविंग के नियमों को जोड़ने की मांग कर रहे हैं. आपको बता दें कि बजट 2024 के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने न्यू टैक्स रिजीम के तहत स्टैंडर्ड टैक्स लिमिट को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया था।

ओल्ड टैक्स रिजीम के स्लैब और लगने वाला टैक्स
2.5 लाख रुपये तक की आय पर – 0% टैक्स2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक की आय पर – 5% टैक्स5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की आय पर 20% टैक्स10 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत टैक्स

न्यू टैक्स रिजीम के तहत स्लैब और लगने वाले टैक्स
3 लाख रुपये तक की आय पर – 0% टैक्स3 लाख रुपये से 6 लाख रुपये तक की आय पर – 5% टैक्स6 लाख रुपये से 9 लाख रुपये तक की आय पर- 10% टैक्स9 लाख रुपये से 12 लाख रुपये तक की आय पर – 15% टैक्स12 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक की आय पर – 20% टैक्स15 लाख रुपये तक की आय पर – 30% टैक्स

12 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं
12 लाख रुपये तक की आमदनी पर अब आयकर नहीं। जब स्टैंडर्ड डिडक्शन भी जोड़ देंगे तो वेतनभोगी लोगों के लिए 12.75 लाख रुपये की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। वित्त मंत्री ने नए टैक्स स्लैब का एलान करते हुए कहा कि इससे मध्यम वर्ग देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा। हमने मध्यम वर्ग पर टैक्स कम किए हैं और मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि अब 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।

0-4 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं।
4-8 लाख की आय पर 5 प्रतिशत
8-12 लाख की आय पर 10 प्रतिशत
12-16 लाख की आय पर 15 प्रतिशत
16-20 लाख की आय पर 20 प्रतिशत
20-24 लाख की आय पर 25 प्रतिशत
24 लाख से ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत

स्लैब बदलने से नई कर व्यवस्था अपनाने वालों को इस तरह फायदा होगा

12 लाख रुपये तक की कर योग्य आय वालों को इनकम टैक्स में 80 हजार रुपये का फायदा होगा।

18 लाख रुपये तक की कर योग्य आय वालों को इनकम टैक्स में 70 हजार रुपये का फायदा होगा।

25 लाख रुपये तक की कर योग्य आय वालों को इनकम टैक्स में 1.10 लाख रुपये का फायदा होगा।

वरिष्ठ नागरिकों में टीडीएस में छूट
प्रत्यक्ष कर
नए आयकर विधेयक में न्याय की भावना को प्रमुखता दी जाएगी।

टीडीएस-टीसीएस का सरलीकरण
टीडीएस की सीमा में बदलाव किए जाएंगे ताकि इसमें एकरूपता लाई जा सके। वरिष्ठ नागरिकों के लिए टीडीएस में छूट की सीमा को 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये किया जाएगा। किराए से होने वाली आमदनी पर टीडीएस में छूट की सीमा को बढ़ाकर छह लाख रुपये किया जाएगा।

नॉन-पैन मामलों में उच्च टीडीएस के प्रावधान लागू रहेंगे। अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने की सीमा को दो साल से बढ़ाकर चार साल किया जा रहा है।

जीवनरक्षक दवाओं को बेसिक कस्टम ड्यूटी से पूरी छूट
36 जीवनरक्षक दवाओं को बेसिक कस्टम ड्यूटी से पूरी छूट देने का एलान किया गया है। 6 जीवनरक्षक दवाएं को 5 प्रतिशत अट्रैक्टिव कंसेशनल कस्टम ड्यूटी की लिस्ट में शामिल किया गया है। साथ ही 37 अन्य दवाओं और 13 मरीज सहायता कार्यक्रमों को भी बेसिक कस्टम ड्यूटी से पूरी तरह से बाहर रखा गया है।

निर्यात बढ़ाने के लिए प्रावधान
निर्यात बढ़ाने के लिए भी बजट में कई प्रावधान किए गए हैं। इसमें हैंडीक्राफ्ट निर्यात उत्पादों की समय सीमा को छह महीने से बढ़ाकर एक साल कर दिया गया है। इसके बाद भी इसे तीन महीने के लिए और बढ़ाया जा सकेगा। वेट ब्लू लेदर में भी बीसीडी से छूट दी गई है। फ्रोजन फिश पेस्ट पर मैन्युफैक्चरिंग और निर्यात पर लगने वाला बीसीडी (बेसिक कस्टम ड्यूटी) 30 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।

नया आयकर कानून आएगा
अगले हफ्ते नया आयकर कानून लाया जाएगा। आयकर के मामले में इस बात पर जोर दिया जाएगा कि पहले विश्वास करें, फिर छानबीन करें। बीमा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को 74% से बढ़ाकर 100% किया जाएगा। इससे बीमा कंपनियां द्वारा ग्राहकों से मिलने वाली पूरी प्रीमियम राशि को भारत में ही निवेश कराना सुनिश्चित किया जा सकेगा। जन विश्वास बिल 2.0 के तहत 100 से ज्यादा प्रावधानों को अपराध के दायरे से हटाया जाएगा।