छत्तीसगढ़ कोयला घोटाले में ईडी का बड़ा एक्शन: सूर्यकांत तिवारी की 50 करोड़ की संपत्तियां अटैच,कैसे होती है संपत्ति अटैच की प्रक्रिया,घर के बाहर चस्पा किया नोटिस

0:00

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कार्रवाई करते हुए व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी की लगभग 50 करोड़ रुपये की संपत्ति को अटैच कर लिया है. ईडी ने सूर्यकांत तिवारी की 100 से अधिक चल और अचल संपत्तियों को अनंतिम रूप से कुर्क किया है. इसमें बैंक बैलेंस, वाहन, नगदी, आभूषण और जमीन शामिल हैं. यह कार्रवाई कोयला लेवी वसूली मामले में की गई है, जिसमें सूर्यकांत तिवारी पहले से ही जेल में बंद हैं. ईडी ने इस संबंध में एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर ट्वीट करते हुए जानकारी दी है।

ईडी ने अपने ट्वीट में कहा, ईडी रायपुर ने अवैध कोयला लेवी घोटाले से संबंधित मामले में सूर्यकांत तिवारी और अन्य से संबंधित पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत 30/01/2025 को कुल मिलाकर 49.73 करोड़ रुपये मूल्य की 100 से अधिक चल और अचल संपत्तियों को अनंतिम रूप से कुर्क किया है, जिसमें बैंक बैलेंस, वाहन, नकदी, आभूषण और जमीन शामिल हैं. छत्तीसगढ़ में कथित 500 करोड़ रुपये के कोयला घोटाला मामले में लेवी वसूली का मामला ईडी की रेड में सामने आया था. आरोप है कि कोयला परिवहन के दौरान कोयला व्यापारियों से वसूली करने के लिए ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को ऑफलाइन कर दिया गया था. खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक आईएएस समीर बिश्नोई ने इसके लिए 15 जुलाई 2020 को आदेश जारी किया था. इसके लिए सिंडिकेट बनाकर वसूली की जाती थी. पूरे मामले का मास्टरमाइंड कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया था।

क्या है कोयला घोटाला मामला ?
छत्तीसगढ़ में कथित 500 करोड़ रुपये के कोयला घोटाला मामले में लेवी वसूली का मामला ईडी की रेड में सामने आया था. आरोप है कि कोयला परिवहन के दौरान कोयला व्यापारियों से वसूली करने के लिए ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को ऑफलाइन कर दिया गया था. खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक आईएएस समीर बिश्नोई ने इसके लिए 15 जुलाई 2020 को आदेश जारी किया था. इसके लिए सिंडिकेट बनाकर वसूली की जाती थी. पूरे मामले का मास्टरमाइंड कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया था।

करीब 500 करोड़ का हुआ है स्कैम

छत्तीसगढ़ में ईडी ने कथित कोयला घोटाले में 500 करोड़ रुपए की अवैध उगाही को लेकर जांच शुरू की थी। जिसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया था। वसूली के लिए नियमों में बदलाव किया गया था। जिसके बाद जांच में ईडी ने चल-अचल संपत्तियां जब्त की थी, जिनमें कई बेनामी भी हैं। आयकर विभाग का आरोप है कि ये स्कैम करीब 500 करोड़ रुपए का था।

कैसे होती है संपत्ति अटैच की प्रक्रिया

ईडी किसी संपत्ति को अटैच प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत करती है। प्रॉपर्टी अटैचमेंट काले धन या धन की अनियमितता में कार्रवाई तब शुरु होती है। जब उससे सम्बंधित ईडी के पास पर्याप्त सबूत मौजूद होती है। ईडी जब कोई प्रॉपर्टी अटैच करती है, तो उसका मतलब ये नहीं होता कि उसका उपयोग नहीं हो सकता। बल्कि संपत्ति का इस्तेमाल कॉमर्शियल हो सकता है। लेकिन उस संपत्ति का खरीद-फरोख्त या किसी के नाम पर ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है।